लगातार नए-नए उच्च स्तर का रिकॉर्ड बना रहे भारतीय बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बिकवाल बने हुए हैं. ताजे आंकड़े बताते हैं कि मई 2024 में एफपीआई अब तक 22 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली कर चुके हैं. हालांकि उसके बाद भी भारतीय बाजार में तेजी बनी हुई है और प्रमुख सूचकांक अपने ऑल टाइम हाई लेवल के पास ट्रेड कर रहे हैं.
मई महीने में बेच डाले इतने के शेयर
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मई महीने में अब तक 22,046 करोड़ रुपये के भारतीय शेयरों की बिकवाली की है. बीते सप्ताह के अंतित दिन शुक्रवार को एफपीआई ने जहां 944.83 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की.
इस साल अब तक इतनी बिकवाली
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक मई महीने से पहले से ही भारतीय बाजार में बिकवाल बने हुए हैं. मई से पहले अप्रैल महीने में एफपीआई 8,671 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे थे. पूरे साल के हिसाब से भी अब तक एफपीआई बिकवाल ही हैं. 2024 में अब तक एफपीआई की भारतीय बाजार में बिकवाली का आंकड़ा 19,824 करोड़ रुपये पर है.
चीन के बाजारों ने किया आउटपरफॉर्म
भारतीय बाजार में एफपीआई के बिकवाल होने के कारणों में सबसे प्रमुख चीन को माना जा रहा है. हालिया समय में मेनलैंड चीन और हांगकांग के शेयर बाजारों ने घरेलू बाजार की तुलना में बेहतर परफॉर्म किया है. अप्रैल महीने के दौरान भारतीय बाजार में जहां 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई, वहीं शंघाई कंपोजिट में करीब 4 फीसदी की और हैंगसेंग में लगभग 11 फीसदी की शानदार तेजी आई. ऐसे में बेहतर रिटर्न की तलाश में एफपीआई भारतीय शेयरों को डंप कर चीनी बाजार का रुख कर रहे हैं.
अमेरिकी बॉन्ड का बढ़ गया रिटर्न
दूसरा प्रमुख कारण अमेरिकी बाजार से जुड़ा हुआ है. अमेरिकी बॉन्ड पर रिटर्न बढ़ने से निवेशक उसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे भारतीय बाजार में एफपीआई के फ्लो पर असर हो रहा है. अमेरिकी अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने से फेडरल रिजर्व के ऊपर ब्याज दरों में कटौती करने का प्रेशर बढ़ा है. हालांकि फेडरल रिजर्व ने फिलहाल रेट कट करने का संकेत नहीं दिया है, लेकिन निवेशक इसकी उम्मीद कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: अडानी पर भरोसा दिखाने का हुआ फायदा, इस इन्वेस्टर को अब तक हुई 170 फीसदी कमाई