Foreign Portfolio Investors: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अगस्त के पहले दो हफ्ते में भारतीय शेयरों में जमकर खरीदारी की है. पिछले महीने एफपीआई एक लंबे अंतराल के बाद भारतीय शेयर बाजारों में फिर शुद्ध लिवाल बने थे. मुद्रास्फीति को लेकर चिंताएं कम होने के बीच विदेशी निवेशकों ने अगस्त के पहले दो सप्ताह में शेयर बाजारों में 22,452 करोड़ रुपये डाले हैं.
जुलाई महीने में किया निवेश
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, इससे पहले जुलाई के पूरे महीने में एफपीआई ने शेयरों में करीब 5,000 करोड़ रुपये डाले थे. लगातार नौ माह तक निकासी के बाद जुलाई में एफपीआई पहली बार शुद्ध लिवाल बने थे. पिछले साल अक्टूबर से वे लगातार बिकवाल बने हुए थे.
विदेशी निवेशकों ने बेचे 2.46 लाख करोड़ के शेयर
अक्टूबर, 2021 से जून, 2022 तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2.46 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे. कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध श्रीकांत चौहान ने कहा कि मुद्रास्फीति का लेकर चिंता दूर होने तथा केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक रुख को सख्त किए जाने की वजह से आगे चलकर उभरते बाजारों में एफपीआई के प्रवाह में और सुधार देखने को मिलेगा.
मुद्रास्फीति में आई गिरावट
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति की दर घटकर 6.71 फीसदी पर आ गई है. हालांकि, यह अब भी रिजर्व बैंक के छह फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से खुदरा मुद्रास्फीति नीचे आई है.
अमेरिका में मुद्रास्फीति रिकॉर्ड पर
आपको बता दें अमेरिका में भी मुद्रास्फीति 40 साल के उच्चस्तर से घटकर जून में 8.5 फीसदी रह गई है. इससे संकेत मिलता है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व आगे अपने मौद्रिक रुख को अधिक सख्त नहीं करेगा.
कितना किया बॉन्ड मार्केट में निवेश
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने एक से 12 अगस्त के दौरान शेयरों में शुद्ध रूप से 22,452 करोड़ रुपये डाले. इसके अलावा समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने लोन या बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 1,747 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
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