Foreign Portfolio Investors: विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं. जून महीने में भी यानी लगातार 9वें महीने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने बिकवाली जारी रखी है. जून में एफपीआई ने शुद्ध रूप से 50,203 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. यह पिछले दो साल का निकासी का सबसे ऊंचा स्तर है.


क्यों आ रही लगातार गिरावट?
अमेरिकी केंद्रीय बैंक के आक्रामक रुख, ऊंची मुद्रास्फीति तथा घरेलू शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए हैं.


रिकॉर्ड लेवल पर पहुंची बिकवाली
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 के पहले छह महीने में एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों से 2.2 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं. यह उनकी निकासी का सबसे ऊंचा आंकड़ा है. इससे पहले 2008 के पूरे साल में एफपीआई ने शेयर बाजारों से 52,987 करोड़ रुपये निकाले थे.


आगे भी जारी रह सकती है बिकवाली
इसके अलावा मार्केट एक्सपर्ट ने आगाह किया है कि अभी एफपीआई की निकासी जारी रह सकती है.


जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा है कि आगे चलकर हमारा मानना है कि मुद्रास्फीति से एफपीआई का रुख तय होगा. इसके अलावा बॉन्ड और शेयरों पर प्राप्ति का अंतर भी लगातार कम रहा है. इससे भी एफपीआई निकासी कर रहे हैं.


मार्च में निकाले थे 61,973 करोड़
आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जून में शेयरों से शुद्ध रूप से 50,203 करोड़ रुपये निकाले हैं. यह मार्च, 2020 के बाद उनकी निकासी का सबसे ऊंचा आंकड़ा है. उस समय एफपीआई ने भारतीय शेयरों से 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे. जून में अन्य उभरते बाजारों मसलन इंडोनेशिया, फिलिपीन, दक्षिण कोरिया,ताइवान और थाइलैंड में भी एफपीआई बिकवाल बने रहे.


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