FPI in May: बदनाम मई में बदल गया ट्रेंड, बाजार लूटते आए एफपीआई ने खूब उड़ाए डॉलर
FPI Investment: मई विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट के लिहाज से लंबे समय से बदनाम रहा है. ऐसा ट्रेंड रहा है कि मई महीने के दौरान एफपीआई भारी बिकवाली करते रहे हैं, लेकिन इस बार की तस्वीर दूसरी है...
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शेयर बाजार (Share Market) के लिए अंग्रेजी में एक कहावत चलती आई है, ‘सेल इन मई एंड गो अवे (Sell in May & go away)’. सरल शब्दों में कहें तो मई का महीना भारतीय बाजार में एफपीआई (FPI) की बिकवाली के लिए बदनाम रहता आया है. ऐसा ट्रेंड रहा है कि मई महीने में एफपीआई भारी पैमाने पर बिकवाली करते हैं, लेकिन इस साल यह ट्रेंड पलट गया है.
हर रोज औसतन इतनी खरीदारी
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, बीते महीने के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (Foreign Portfolio Investors) भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध खरीदार रहे. उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों (Indian Share Market) में पिछले महीने 48 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी की. मई महीने के दौरान कुल 19 दिन कारोबार हुए. इस तरह एफपीआई ने बीते महीने के दौरान हर रोज औसतन 2,300 करोड़ रुपये की खरीदारी की.
इतना चढ़ा शेयर बाजार
एफपीआई के शुद्ध खरीदार रहने से बीते महीने घरेलू शेयर बाजारों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया. मई महीने के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स (BSE Sensex) 1,500 अंक से ज्यादा यानी करीब 2.5 फीसदी मजबूत हुआ और 62,547.11 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह एनएसई का निफ्टी (NSE Nifty) इस दौरान करीब 470 अंक यानी 2.6 फीसदी मजबूत हुआ और 18,534.10 अंक पर रहा.
खूब बढ़ा एफपीआई का एओसी
एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई के एसेट अंडर कस्टडी (Asset Under Custody) में 1 मई से 15 मई के दौरान करीब 1.28 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई. यह 30 अप्रैल को 46.70 लाख करोड़ रुपये था, जो बढ़कर 15 मई को 47.98 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इस मामले में फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर सबसे आगे रहा, जिसमें एओसी में 44,297 करोड़ रुपये की तेजी देखी गई.
इन सेक्टर्स में रहा बंपर इनफ्लो
आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य अवधि के दौरान ऑटो एंसिलरी सेक्टर में एओसी 22,300 करोड़ रुपये बढ़ा. इसी तरह एफएमसीजी में इनफ्लो में 15,856 करोड़ रुपये की और ऑयल एंड गैस सेक्टर में 10,668 करोड़ रुपये की तेजी आई. इनके अलावा मई महीने के पहले पखवाड़े के दौरान कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, कैपिटल गुड्स, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और हेल्थकेयर सेक्टर में एफपीआई इनफ्लो 5,800 करोड़ रुपये से 8,500 करोड़ रुपये के बीच रहा.
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