भारतीय शेयर बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का रुख इस महीने बदला नजर आ रहा है. करीब ढाई महीने बिकवाली करने के बाद अब वे शेयरों को खरीदने लगे हैं. जून महीने में एफपीआई शुरुआती बिकवाली के बाद अब लिवाल बन चुके हैं.


इस महीने खरीदे इतने के शेयर


एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह के आखिरी दिन यानी 21 जून का कारोबार समाप्त होने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जून महीने में अब तक 12,170 करोड़ रुपये के भारतीय शेयरों की लिवाली की है. इससे पहले जून महीने के शुरुआती दो सप्ताह में एफपीआई ने लगभग 15 हजार करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की थी.


दो महीने से चली आ रही थी बिकवाली


एफपीआई चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से ही भारतीय बाजार में बिकवाली कर रहे थे. मई महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 25,586 करोड़ रुपये के भारतीय शेयरों की बिकवाली की थी. वहीं अप्रैल महीने में एफपीआई 8,671 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे थे. इस तरह लगातार दो महीने बिकवाल रहने के बाद जून में एफपीआई लिवाल बनने वाले हैं.


इस वित्त वर्ष में पहली बार हुए लिवाल


हालांकि पूरे वित्त वर्ष के हिसाब से 2024-25 में अब तक एफपीआई भारतीय बाजार में बिकवाल ही बने हुए हैं. इस वित्त वर्ष में एफपीआई अब तक करीब 22 हजार करोड़ रुपये के बिकवाल हैं. कैलेंडर वर्ष के हिसाब से भी एफपीआई बिकवाल ही हैं. कैलेंडर वर्ष के हिसाब से फरवरी और मार्च 2024 के बाद यह तीसरा ऐसा महीना है, जिसमें एफपीआई लिवाल बनने जा रहे हैं.


बिकवाली से हुई थी साल की शुरुआत


एफपीआई ने साल के पहले महीने यानी जनवरी 2024 में 25,744 करोड़ रुपये के भारतीय शेयरों की बिकवाली की थी. हालांकि उसके बाद दो महीने वे लिवाल बने रहे. फरवरी 2024 में एफपीआई ने 1,539 करोड़ रुपये के शेयरों की लिवाली की थी. उसके बाद मार्च में एफपीआई ने 35,098 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की थी.


इस कारण बदला एफपीआई का रुख


एफपीआई भारतीय बाजार की तुलना में चीन के बाजार के बेहतर प्रदर्शन के चलते यहां शेयरों की बिकवाली कर रहे थे. कुछ योगदान चुनावी अनिश्चितता का भी था. हालांकि चुनाव परिणाम सामने आने के बाद भारतीय बाजार का रुख बदला हुआ है. परिणाम आने के बाद अब तक बाजार लगभग साढ़े सात फीसदी ऊपर चढ़ चुका है. उसके साथ ही एफपीआई भी लिवाली की राह पर लौटने लगे हैं.


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