FTP: मौजूदा विदेश व्यापार नीति को मार्च 2023 तक बढ़ाया गया, क्यों लिया गया ये फैसला-समझें यहां
Foreign Trade Policy: विदेश व्यापार से जुड़े तमाम संगठनों का मानना था कि वैश्विक चुनौतियों और रुपये की स्थिति में आ रहे उतार-चढ़ाव को देखते हुए अभी मौजूदा नीति को ही जारी रखना सही होगा.
![FTP: मौजूदा विदेश व्यापार नीति को मार्च 2023 तक बढ़ाया गया, क्यों लिया गया ये फैसला-समझें यहां Foreign trade policy extends another six months till March 2023 by Commerce ministry FTP: मौजूदा विदेश व्यापार नीति को मार्च 2023 तक बढ़ाया गया, क्यों लिया गया ये फैसला-समझें यहां](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/03/87ad4f9017b581802f5fe1afb03db8421659505583_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Foreign Trade Policy: सरकार ने इस समय लागू विदेश व्यापार नीति (2015-20) को छह और महीनों के लिए आगे बढ़ाने का फैसला किया है. सरकार ने विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2015-20, जो 30 सितंबर तक वैध थी, को छह महीने और बढ़ा दिया है. यह 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा.
वाणिज्य मंत्रालय ने जारी किया बयान
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, निर्यात संवर्धन परिषदों और निर्यातकों से बार-बार अनुरोध प्राप्त करने के बाद, सरकार से ऐसा करने का आग्रह करने के बाद विस्तार दिया गया. वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अमित यादव ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मौजूदा विदेश व्यापार नीति को मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसकी अवधि 30 सितंबर को ही समाप्त होने वाली थी. यादव ने कहा कि उद्योग संगठनों और निर्यात संवर्धन परिषदों जैसे विभिन्न क्षेत्रों से मौजूदा व्यापार नीति को ही फिलहाल बनाए रखने का अनुरोध किया गया था. उन्होंने कहा कि विदेश व्यापार से जुड़े सभी संबंधित पक्षों के साथ चर्चा के बाद यह फैसला किया गया है.
DGFT जारी करेगा नोटिफिकेशन
विदेश व्यापार से जुड़े तमाम संगठनों का मानना है कि वैश्विक चुनौतियों और रुपये की स्थिति में आ रहे उतार-चढ़ाव को देखते हुए अभी मौजूदा नीति को ही जारी रखना सही होगा. उनका कहना है कि नई विदेश व्यापार नीति को नए वित्त वर्ष की शुरुआत से लागू करना वाजिब होगा. मौजूदा नीति को अगले छह महीनों के लिए बढ़ाए जाने के बारे में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) एक अधिसूचना जारी करेगा.
30 सितंबर तक थी विदेश व्यापार नीति
उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय ने पहले कहा था कि सितंबर के अंत तक वह नई विदेश व्यापार नीति जारी कर देगा. इसके पहले मौजूदा नीति को अप्रैल में सितंबर के लिए बढ़ाया गया था. विदेश व्यापार नीति के तहत देश से होने वाले निर्यात को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता कम करने के प्रावधान किए जाते हैं. इसमें देश की आर्थिक प्रगति को गति मिलने और नए रोजगार पैदा होने का भी लक्ष्य रखा जाता है.
विश्व की कई मुद्राओं में गिरावट से माहौल अस्थिरता भरा
निर्यातक संगठनों के महासंघ फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने नई विदेश व्यापार नीति के क्रियान्वयन को टालने को एक समझदारी भरा फैसला बताया. उन्होंने कहा, 'कई देशों में मंदी के हालात बन रहे हैं और मुद्राओं में भी बड़ी गिरावट देखी जा रही है. यह एक नई व्यापार नीति लाने का वक्त नहीं है.'
देश का व्यापार घाटा बढ़कर 124.52 अरब डॉलर पर आया
भारत का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में 17.68 फीसदी बढ़कर 193.51 अरब डॉलर रहा है. लेकिन इस दौरान आयात कहीं ज्यादा 45.74 फीसदी बढ़कर 318 अरब डॉलर हो गया. इस तरह अप्रैल-अगस्त की अवधि में देश का व्यापार घाटा बढ़कर 124.52 अरब डॉलर हो गया है.
एफटीपी निर्यात बढ़ाने के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है, जिससे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में वृद्धि होगी. 31 मार्च, 2020 को, सरकार ने मौजूदा कोरोनावायरस लॉकडाउन और बढ़ती संक्रमण दर के बीच इसे एक साल के लिए 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया था.
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