Forex Reserve: तीन महीने में सबसे कम हुआ विदेशी मुद्रा भंडार, ये कारण रहे जिम्मेदार
India Forex Reserve: पिछले कुछ समय से भारतीय करेंसी रुपये की वैल्यू डॉलर के मुकाबले काफी कम हुई है. इसी कारण विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट आ रही है...
Forex Reserve Latest Update: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (India Forex Reserve) में गिरावट का दौर फिर से शुरू हो गया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 10 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.397 बिलियन डॉलर कम हो गया. इस तरह विदेशी मुद्रा भंडार अब तीन महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गया है.
एक सप्ताह ही रही राहत
विदेशी मुद्रा भंडार में हालिया कुछ समय के दौरान लगातार गिरावट देखने को मिली है. लगातार पांच सप्ताहों की गिरावट के बाद 03 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह में राहत भरी खबर मिली थी. उस सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी आई थी. हालांकि यह राहत अल्पकालिक साबित हुई, क्योंकि इसके अगले सप्ताह फॉरेक्स रिजर्व फिर कम हो गया और तीन महीने में सबसे कम रह गया.
अब इतना है फॉरेक्स रिजर्व
रिजर्व बैंक के आधिकारिक आंकड़ों (RBI Data) के अनुसार, 10 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार कम होकर 560 बिलियन डॉलर रह गया. इससे पहले 03 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह के बाद यह भंडार 562.40 बिलियन डॉलर हो गया था.
आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह के दौरान भारत की विदेशी मुद्रा संपत्ति करीब 2.2 बिलियन डॉलर कम होकर 494.86 बिलियन डॉलर रह गई. विदेशी मुद्रा संपत्ति यानी एफसीए को डॉलर टर्म में दिखाया जाता है. इस आंकड़े में डॉलर के अलावा अन्य मुद्राएं जैसे यूरो, पाउंड, येन आदि की कीमतों में आई घट-बढ़ के असर को शामिल किया जाता है.
इनमें भी आई गिरावट
10 मार्च वाले सप्ताह के दौरान भारत का स्वर्ण भंडार और एसडीआर होल्डिंग भी कम हुआ. इस दौरान स्वर्ण भंडार यानी गोल्ड रिजर्व 110 मिलियन डॉलर कम होकर 41.92 बिलियन डॉलर रह गया. वहीं एसडीआर में 53 मिलियन डॉलर की कमी आई और यह 18.12 बिलियन डॉलर के बराबर रह गया. इसी तरह आईएमएफ के पास रखा रिजर्व 11 मिलियन डॉलर कम होकर 5.1 बिलियन डॉलर पर आ गया.
यह था ऑल टाइम हाई लेवल
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर 2021 में अपने सबसे उच्च स्तर पर पहुंचा था. तब यह 645 बिलियन डॉलर के पार निकल गया था. उसके बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आती गई है. विभिन्न प्रतिकूल कारकों के चलते भारतीय करेंसी रुपये की वैल्यू डॉलर के मुकाबले कम हुई है. इसके कारण विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट आई है, क्योंकि रिजर्व बैंक रुपये को संभालने के लिए समय-समय पर अपने विदेशी मुद्रा भंडार को खर्च करता है.
ये भी पढ़ें: एफपीओ नहीं लाएगी पतंजलि फूड्स, ऐसे कम की जाएगी प्रमोटर्स की हिस्सेदारी