नई दिल्ली: नोटबंदी को लेकर कोई न कोई चर्चा बीच-बीच में उठती ही रहती है. नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार का मखौल उड़ाते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि पिछले साल की गई नोटबंदी की कवायद की कीमत में अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपये जोड़ने चाहिए. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ये तंज आरबीआई के एक ट्वीट के बाद कसा है.


उन्होंने आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) के उस बयान के जवाब में ट्वीट करते हुए यह बाते कही, जिसमें आरबीआई ने कहा कि वह वित्त वर्ष 2016-17 के लिए सरकार को 30,659 करोड़ रुपये का डिविडेंड देगी, जोकि एक साल पहले समान अवधि में दिए गए डिविडेंड के आधे से भी कम है.


उन्होंने यह भी पूछा कि क्या आरबीआई 'नुकसान/खर्च' के मद में अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपये भी जोड़ देगी, जो नोटबंदी के कारण हुआ.


चिदंबरम ने एक दूसरे ट्वीट में कहा, "क्या आरबीआई हमें पुराने नोट को नष्ट करने और उसके बदले नए नोट छापने/बदलने में आई लागत की जानकारी देगी." गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद अभी तक आरबीआई ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि उसके पास पुराने नोटों के तौर पर कुल कितनी रकम आई है. लिहाजा नोटबंदी के जरिए सरकार की काले धन को खत्म करने की जो योजना थी वो सफल हुई है या नहीं, इसका संतोषजनक जवाब अभी तक तो सरकार नहीं ही दे पाई है.