धोखाधड़ी मामला: ED ने फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह को किया गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने अक्टूबर महीने में फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह और रेलिगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी को गिरफ्तार किया था.
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नई दिल्लीः हजारों करोड़ रुपये घोटाले के आरोपी रैनबैक्सी और फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह और रेलिगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी को ईडी ने आज अधिकारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया. यह दोनों इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने अक्टूबर महीने में इन दोनों को गिरफ्तार किया था. ईडी सूत्रों के मुताबिक आज साकेत कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव की कोर्ट में ईडी ने याचिका लगाते हुए बताया कि इन दोनों को अधिकारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया गया है. लिहाजा इनके प्रोडक्शन वारंट जारी किए जाएं और इन्हें रिमांड पर दिया जाए.
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चूंकि इस समय किसी भी अंडर ट्रायल कैदी को कोर्ट के सामने पेश नहीं किया जा रहा है और ड्यूटी मजिस्ट्रेट संबंधित कोर्ट में जाकर रिमांड याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं लिहाजा इन दोनों याचिकाओं को भी ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने भेजा जा रहा है, जिससे इन दोनों को कितने दिन की रिमांड पर भेजा जाए वह इस बाबत फैसला करें यानी मलविंदर सिंह और सुनील गोस्वामी को कितने दिन की रिमांड पर भेजा जाएगा इस बात का फैसला शुक्रवार की सुबह तिहाड़ जेल में मौजूद ड्यूटी मजिस्ट्रेट सुनवाई के बाद करेंगे.
रेलिगेयर घोटाले मामले में आरोप है कि बैंकों से करोड़ों रुपए का लोन लिया गया और उस लोन को अवैध तरीके से दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया गया. यह भी आरोप है कि जिस काम के लिए लोन लिया गया था उस काम को नहीं किया गया. इस मामले की शिकायत पहले दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को की गई थी जिसकी जांच के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारियां की थी.
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ध्यान रहे कि बलविंदर सिंह और उनके भाई शिवेंद्र सिंह दोनों ही पिछले काफी समय से आरोपों और आपसी लड़ाई को लेकर कई जांच के घेरे में हैं. बताया जाता है कि दोनों भाइयों के बीच फोर्टिस हेल्थकेयर और रेलीगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड को लेकर विवाद है. इस मामले में बाजार नियामक सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड (सेबी) ने भी दोनों भाइयों व उनसे संबंधित 8 फर्मो को 403 करोड़ रुपये फोर्टिस के खाते में जमा करने को कहा था उस समय यह भी कहा गया था कि दोनों ने फाइनेंशियल स्टेटमेंट में अनेकों गड़बड़ियां की थीं.
यह दोनों भाई उस समय भी चर्चा में आए थे जब सिंगापुर के एक ट्रिब्यूनल ने दोनों भाइयों को दोषी करार दिया था. उस मामले में आरोप था कि शिवेंद्र सिंह और बलविंदर सिंह की दाइची साक्यो नाम की कंपनी पर लगभग 3500 हजार करोड़ का कर्ज है और यह दोनों जापानी ड्रग मेकर कंपनी को बिना किसी विस्तृत जानकारी दिए बिना ही रैनबेक्सी कंपनी को बेचने की तैयारी कर रहे थे. अब ईडी इस मामले में अन्य लोगों की भी गिरफ्तारियां करेगा.
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