D Subbarao: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव (D. Subbarao) भारत के आर्थिक भविष्य पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा है कि हम जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं. मगर, हमें जल्दबाजी में इसका जश्न नहीं मनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) देश को 2029 तक इस लक्ष्य तक पहुंचाना चाहते हैं. हालांकि, यहां समझने वाली बात यह है कि इकोनॉमी का साइज और विकास दो अलग-अलग बातें हैं.
देश के विकास के सामने कई चुनौतियां मौजूद
भारत फिलहाल दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है. पीएम मोदी ने हाल ही में कहा था कि हम ब्रिटेन और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं. हमसे आगे सिर्फ अमेरिका और चीन ही रह जाएंगे. कई संस्थाओं और अर्थशास्त्रियों ने भी ऐसे ही अनुमान लगाए हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि भारत 2029 से पहले ही यह लक्ष्य हासिल कर लेगा. हालांकि, सुब्बाराव इसे अलग नजरिए से देखते हैं. उनका कहना है कि यह माइलस्टोन हासिल कर लेने से देश के विकास के सामने खड़ी चुनौतियां दूर नहीं हो जाएंगी.
आर्थिक तरक्की के सामने गरीबी सबसे बड़ी समस्या
फिलहाल हमारी जीडीपी 4 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है. हम दुनिया में 5वें पायदान पर खड़े हैं. मगर, हमारी प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) सिर्फ 2600 डॉलर है. इस मामले में तस्वीर का रुख ही बदल जाता है. प्रति व्यक्ति आय के मामले में हम दुनिया में 139वें नंबर पर हैं. साथ ही ब्रिक्स (BRICS) और जी-20 (G-20) देशों में हमारी प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है. सुब्बाराव ने कहा कि इन आंकड़ों से हम समझ सकते हैं कि देश आर्थिक तरक्की कर रहा है लेकिन, गरीबी (Poverty in India) इसके सामने बड़ी चुनौती बनकर खड़ी हुई है.
विकसित देश बनने के लिए 4 चीजों पर देना होगा ध्यान
पूर्व गवर्नर ने कहा कि हमें अगर 2047 तक विकसित देश बनना है तो कानून का शासन, मजबूत देश, जबावदेही और संस्थाओं की स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी होगी. विकसित देश बनने की यात्रा आसान नहीं होने वाली है. इसके लिए हमें आर्थिक तरक्की के साथ ही समाज के विकास पर भी पूरा ध्यान देना होगा.
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