सूचना प्रौद्योगिकी सेक्टर (IT Sector) बड़े अधिकारियों की मोटी सैलरी के लिए जाना जाता है. यह बात एक बार फिर सच साबित हुई है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान जब आईटी सेक्टर चुनौतियों का सामना कर रहा था, देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस ने अपने सीईओ (TCS CEO Pay) को करीब 30 करोड़ रुपये का कुल भुगतान किया था.


साल भर में इतनी बढ़ी सैलरी


पीटीआई की एक खबर के अनुसार, टाटा समूह की आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने अपने पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) राजेश गोपीनाथन (Rajesh Gopinathan) को पारिश्रामिक के तौर पर वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 29.16 करोड़ रुपये दिए थे. यह कुल वेतन में 13.17 फीसदी की बढ़ोतरी थी. टीसीएस ने यह जानकारी 2022-23 की अपनी सालाना रिपोर्ट में दी है.


इस तरह से किया गया भुगतान


टीसीएस ने कहा है कि बीते वित्त वर्ष में गोपीनाथन को कमीशन के रूप में 25 करोड़ रुपये दिए गए. इसके अलावा उन्हें वेतन के रूप में 1.73 करोड़ रुपये और अन्य लाभ के रूप में 2.43 करोड़ रुपये दिए गए. इस तरह उन्हें वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कंपनी से कुल पारिश्रामिक के तौर पर करीब 30 करोड़ रुपये मिले.


छह साल सीईओ रहे गोपीनाथन


गोपीनाथन अब टीसीएस के सीईओ नहीं हैं. वह 31 मई तक कंपनी के सीईओ थे. उन्होंने छह साल तक यह जिम्मेदारी संभाली. वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान उन्हें टीसीएस में कुल 25.76 करोड़ रुपये का वेतन और अन्य लाभ मिले थे.


चंद्रशेखरन की इतनी थी सैलरी


हालांकि इतनी मोटी सैलरी के बाद भी गोपीनाथन इस मामले में इंडस्ट्री के अपने समकक्षों की तुलना में पीछे हैं. गोपीनाथन से पहले एन चंद्रशेखरन (N Chandrashekaran) टीसीएस के सीईओ थे, जो अभी टाटा संस का चेयरमैन बन चुके हैं. चंद्रशेखरन टीसीएस के सीएफओ भी रहे थे. सीएफओ के पद से प्रमोट होने के बाद चंद्रशेखरन का वेतन 2016-17 के 6.22 करोड़ रुपये से बढ़कर 2017-18 में 12.5 करोड़ रुपये हो गया था.


मौजूदा सीईओ को मिलेगा इतना


वहीं गोपीनाथन के बाद पद संभालने वाले के. कृतिवासन (K Kritivasan) को प्रति माह 10 लाख रुपये का मूल वेतन मिलेगा, जो बढ़कर 16 लाख रुपये तक जा सकता है. इसके अलावा उन्हें निदेशक मंडल द्वारा तय कमीशन और नि:शुल्क आवास की सुविधा भी मिलेगी. टीसीएस के मुख्य परिचालन अधिकारी एन जी सुब्रमण्यम (NG Subramanian) को वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 23.60 करोड़ रुपये मिले थे, जो इससे साल भर पहले यानी वित्त वर्ष 2021-22 में लगभग 20 करोड़ रुपये था.


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