इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए जारी हो गए फॉर्म, जानिये कौन है आपके काम का?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने असेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए आईटीआर फॉर्म जारी कर दिए हैं. डिपार्टमेंट ने इस बार रिटर्न फॉर्म में कई बदलाव किए गए हैं.
नई दिल्लीः हर साल की तरह इस बार भी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का वक्त आ गया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में वित्त वर्ष 2019-20 यानी असेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए आईटीआर फॉर्म जारी कर दिए हैं. इस बार रिटर्न फॉर्म में कई बदलाव किए गए हैं.
वित्त मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर ITR 1 (सहज ), ITR 2, ITR 3, ITR 4 (सुगम), ITR 5, ITR 6, ITR 7 और ITR V फॉर्म जारी किए हैं. कोविड-19 को देखते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में पहले जारी किए गए आईटीआर फॉर्म 1 और 4 को वापस ले लिया था ताकि महामारी की वजह से दी गई राहतों से नियमों को इसमें शामिल किया जा सके. नए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में एक अलग कॉलम में वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट की जानकारी देने की सुविधा दी गई है ताकि 2019-20 की इनकम में कोरोनावायरस संक्रमण को देखते हुए दी जा रही छूट मिल सके.
आइए देखते हैं अलग-अलग टैक्स फॉर्म का आपके लिए क्या मायने हैं
ITR 1– इसे सहज फॉर्म भी कहते हैं. यह सालाना 50 लाख रुपये तक के वेतन पाने वाले टैक्सपेयर के लिए है. ITR 2- यह ऐसे व्यक्ति और अविभाजित हिंदू परिवार ( HUF) के लिए है, जिनकी बिजनेस या प्रोफेशन से कोई मुनाफा या आय नहीं है. ITR 3- यह ऐसे व्यक्ति और अविभाजित हिंदू परिवार ( HUF) के लिए है, जिनकी बिजनेस या प्रोफेशन से आय हो रही है. ITR 4- इसे सुगम फॉर्म भी कहा जाता है. यह ऐसे व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार और कंपनियों (एलएलपी के अलावा) के लिए है जिसकी बिजनेस या पेशे से सालाना आय 50 लाख रुपये तक है और इसकी गणना आयकर की धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत होती हो. किसी कंपनी में डायरेक्टर या अनलिस्टेड कंपनी में निवेश करने वाला शख्स इस फॉर्म के जरिये आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर सकता. ITR 5– यह अविभाजित हिंदू परिवार, कंपनी और व्यक्ति के लिए है जो आईटीआर-7 फॉर्म के जरिये इनकम टैक्स रिटर्न न दाखिल कर रहा हो. ITR 6– यह वैसी कंपनियों के लिए है जो सेक्शन 11 के तहत टैक्स छूट के लिए दावा नहीं कर रही हों. ITR 7- यह कंपनियों समेत उन लोगों के लिए है जिन्हें सिर्फ आयकर की धारा 139(4A) या 139(4B) या 139(4C) या 139(4D) के तहत आयकर रिटर्न भरना होता है. यह भी पढ़ेंः आयकर विभाग ने ITR फॉर्म में किए कई बदलाव, जानें बिजली बिल से जुड़े नए सवाल के बारे में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने EBLR में 0.40 फीसदी की कटौती की, सस्ते हो सकते हैं लोन