कोरोना महामारी के बाद चीन की आर्थिक वृद्धि दर (China Growth Rate) प्रभावित हुई है. इसका असर चीन के शेयर बाजार (Chinese Share Market) पर भी हो रहा है और विदेशी निवेशकों (Foreign Investors) का धीरे-धीरे मोहभंग हो रहा है. इससे भारत को सीधा फायदा हो रहा है और लगातार विदेशी निवेश में बढ़ोतरी देखी जा रही है.


हर रोज औसतन इतनी खरीदारी


ईटी की एक रिपोर्ट की मानें तो चालू वित्त वर्ष में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अब तक 9 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है. रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी निवेशक इस वित्त वर्ष में अब तक भारतीय शेयरों (Indian Equities) के सबसे बड़े खरीदार बनकर उभरे हैं. उन्होंने इस दौरान रोज औसतन करीब 1,400 करोड़ रुपये की खरीदारी की है.


मीलों पीछे छूट गए घरेलू निवेशक


एनएसडीएल (NSDL) के आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2023-24 के अब तक के कुल 51 कारोबारी दिनों में सिर्फ 8 ही दिन ऐसे रहे हैं, जब विदेशी निवेशक शुद्ध बिकवाल रहे हैं. भारतीय करेंसी में इन 51 दिनों में एफपीआई ने करीब 72 हजार करोड़ रुपये की खरीदारी की है. इस तरह से विदेशी निवेशकों ने घरेलू निवेशकों को मीलों पीछे छोड़ दिया है. घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने इस दौरान सिर्फ 6,500 करोड़ रुपये की खरीदारी की है.


चीन के नुकसान में भारत का फायदा


भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) अभी रिकॉर्ड हाई लेवल के पास कारोबार कर रहे हैं. सोमवार के कारोबार में बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) दोनों नए उच्च स्तर का रिकॉर्ड बनाने के करीब हैं. जून तिमाही में निफ्टी में 8.5 फीसदी की रैली देखने को मिली है. कुल मिलाकर देखें तो ऐसा कहा जा सकता है कि चीन को जहां नुकसान हो रहा है, उससे भारत को सीधा फायदा हो रहा है.


जापान और कोरिया को भी लाभ


विदेशी निवेशकों के इस बदले रुख से भारत के साथ-साथ जापान और दक्षिण कोरिया जैसे एशियाई बाजारों (Asian Markets) को भी फायदा हो रहा है. साल 2023 के दौरान जापान का निक्की इंडेक्स (Nikkei) अब तक करीब 30 फीसदी ऊपर गया है. इसी तरह दक्षिण कोरिया के कोस्पी (Kospi) में 2023 के दौरान अब तक 17.5 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. इससे पता चलता है कि चीन के नुकसान से जापान और दक्षिण कोरिया को भी फायदा हो रहा है.


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