FPI Investment: एक दिन में विदेशी निवेशकों ने खरीद डाले 14 हजार करोड़ के शेयर, टूट गया 3 सालों का रिकॉर्ड
FPI September 2024: सितंबर महीने के दौरान विदेशी निवेशकों ने पहले ही रुख बदला हुआ था. यूएस में रेट कट के बाद भारतीय बाजार में उनकी खरीदारी और तेज हो गई है...
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के द्वारा भारतीय शेयरों की खरीद ने इस महीने गजब रफ्तार पकड़ी है. घरेलू बाजार की रिकॉर्ड रैली के बीच एफपीआई ने सितंबर महीने में अब तक भारतीय शेयरों की जमकर खरीदारी की है. उसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि एफपीआई के निवेश से अभी ही सितंबर इस साल का सबसे अच्छा महीना बन चुका है. इस दौरान एफपीआई ने तो खरीदारी का 3 साल पुराना एक रिकॉर्ड भी तोड़ दिया.
इस साल का सबसे अच्छा महीना
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार, 20 सितंबर तक एफपीआई भारतीय शेयरों में 33,699 करोड़ रुपये डाल चुके हैं. यह 2024 में किसी एक महीने में एफपीआई से इंडियन इक्विटीज में आए निवेश का सबसे बड़ा आंकड़ा है. यह हाल तब है, जब अभी सितंबर महीने में एक सप्ताह से ज्यादा का कारोबार बचा हुआ है. इससे पहले जुलाई महीने में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में सबसे ज्यादा 32,365 करोड़ रुपये निवेश किया था.
सिर्फ शुक्रवार को 14 हजार करोड़ से ज्यादा निवेश
बीते सप्ताह के दौरान एफपीआई ने एक और शानदार रिकॉर्ड बना दिया. शुक्रवार 20 सितंबर को विदेशी निवेशकों ने एक ही दिन में 14,064 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी कर ली. इससे पहले एक दिन में सबसे बड़ी खरीदारी का रिकॉर्ड 6 मई 2020 को बना था, जब विदेशी निवेशकों ने एक दिन में भारतीय शेयरों में 17,123 करोड़ रुपये झोंक दिया था.
इस महीने बन सकते हैं और भी रिकॉर्ड
दरअसल अमेरिका में फेडरल रिजर्व के द्वारा ब्याज दर में कटौती के बाद भारतीय बाजार को खूब फायदा हो रहा है और विदेशी निवेशकों ने यहां घरेलू शेयरों को खरीदने पर फोकस बढ़ा दिया है. इस कारण भी उम्मीद की जा रही है कि सितंबर महीने के बाकी बचे दिनों में एफपीआई की खरीदारी का मजबूत ट्रेंड बरकरार रह सकता है और उनके द्वारा भारतीय शेयरों की खरीदारी का नया रिकॉर्ड बन सकता है.
इस कारण तेज हुआ विदेशी निवेश
एफपीआई का रुख पहले से ही इस महीने बदला हुआ दिख रहा था. फेडरल रिजर्व ने 18 सितंबर को ब्याज कटौती का ऐलान किया. अमेरिकी सेंट्रल बैंक ने ब्याज दर में 0.50 फीसदी की कटौती की है. अमेरिका में ब्याज कम होने से बड़े विदेशी निवेशक अच्छी कमाई के लिए विकल्पों की तलाश करने लगे हैं. इसका फायदा भारत जैसे उभरते बाजारों के साथ में सोना-चांदी जैसी महंगी धातुओं और क्रिप्टो जैसे वैकल्पिक साधनों को हो रहा है.
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