घरेलू बाजार में जारी ऐतिहासिक उड़ान के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का रुख भी बदला नजर आने लगा है. अमेरिका में ब्याज दर कटौती के बाद तो भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों की खरीदारी को पंख लगे हुए हैं. इस महीने उन्होंने अभी तक 57 हजार करोड़ से ज्यादा के भारतीय शेयरों की खरीदारी कर ली है, जबकि अभी महीने में एक कारोबारी दिन बचा ही हुआ है.


सितंबर बना सबसे शानदार महीना


नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार, 27 सितंबर (शुक्रवार) तक एफपीआई भारतीय शेयरों में 57,359 करोड़ रुपये डाल चुके हैं. यह सिर्फ इस साल किसी एक महीने में एफपीआई से इंडियन इक्विटीज में आए निवेश का सबसे बड़ा आंकड़ा ही नहीं है, बल्कि यह अब तक के सबसे शानदार महीनों में एक बन गया है.


1 लाख करोड़ के पार निकला निवेश


एफपीआई के द्वारा सितंबर महीने में भारतीय शेयरों की हुई जमकर खरीदारी में और भी रिकॉर्ड बने-बिगड़े हैं. महीने में 57 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयरों की खरीदारी से इंडियन इक्विटीज में एफपीआई के निवेश का आंकड़ा इस साल में पहली बार 1 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया है. महीने के दौरान 20 सितंबर को विदेशी निवेशकों ने एक ही दिन में 14,064 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की थी, जो करीब 3 साल का नया रिकॉर्ड है. उससे पहले एक दिन में सबसे बड़ी खरीदारी का रिकॉर्ड 6 मई 2020 को बना था. तब विदेशी निवेशकों ने एक दिन में 17,123 करोड़ रुपये के भारतीय शेयरों की खरीदारी की थी.


अभी एक दिन का कारोबार बाकी


शुक्रवार 27 सितंबर के बाद शनिवार और रविवार के चलते दो दिन बाजार बंद है. अब बाजार कल सोमवार को खुलेगा, जो सितंबर महीने का आखिरी कारोबारी दिन होगा. एफपीआई जिस तरह से भारतीय बाजार में शेयर खरीद रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि इस महीने एफपीआई इनफ्लो का आंकड़ा और ऊपर जाने वाला है.


इस कारण बढ़ गई एफपीआई की रफ्तार


अमेरिका में सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने लंबे इंतजार के बाद इसी महीने से ब्याज दरों में कटौती की शुरुआत की है. फेडरल रिजर्व ने 18 सितंबर को ब्याज में कटौती का ऐलान किया. उसने बाजार के अनुमानों से बढ़कर 0.50 फीसदी की कटौती एक झटके में कर दी. बाजार 0.25 फीसदी तक की कटौती की उम्मीद कर रहा था. यूएस फेड के इस फैसले से बड़े विदेशी निवेशक यूएस बॉन्ड से पैसे निकालने लगे. यह फंड मुख्य रूप से उभरते बाजारों की ओर जा रहा है, जिसका सबसे ज्यादा फायदा भारतीय शेयर बाजार को हो रहा है.


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