FPI Investment: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजार में 7,200 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसमें मुख्य हिस्सा अमेरिका के जीक्यूजी पार्टनर्स द्वारा अडानी समूह की कंपनियों में किया गया निवेश शामिल है. इस महीने की शुरुआत में सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के पतन के बाद अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली में दबाव दिखाई दे रहा है. मैक्रो धारणा उतार-चढ़ाव की होने के बावजूद ज्यादातर वैश्विक बाजारों में सुधार देखा गया.


फरवरी और जनवरी में एफपीआई ने निकाली थी रकम


डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने 24 मार्च तक भारतीय शेयरों में 7,233 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले फरवरी में एफपीआई ने शेयरों से 5,294 करोड़ रुपये और जनवरी में 28,852 करोड़ रुपये निकाले थे. वहीं दिसंबर, 2022 में उन्होंने शेयरों में शुद्ध रूप से 11,119 करोड़ रुपये का निवेश किया था.


जानकारों का क्या है कहना


जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली में दबाव और बैंकिंग शेयरों में गिरावट के कारण वैश्विक स्तर पर बाजारों में जोखिम कम होने की वजह से निकट अवधि में एफपीआई के सतर्क रहने की संभावना है. विजयकुमार ने बताया कि मार्च में एफपीआई के निवेश में जीक्यूजी द्वारा अडाणी के चार शेयरों में किया गया 15,446 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है.


एफपीआई के प्रवाह में उतार-चढ़ाव रहने की संभावना प्रबल


कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘आर्थिक मोर्चे पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने नीतिगत दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि की है. साथ ही अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने देश की वित्तीय प्रणाली में स्थिरता की उम्मीद जताई है. केंद्रीय बैंक के सख्त मौद्रिक रुख की वजह से एफपीआई के प्रवाह में उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है.’’


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