FPI: घरेलू मार्केट में आखिर क्यों आ रही इतनी गिरावट, जानें क्या अगले हफ्ते भी जारी रहेगा ये रुख?
Foreign Portfolio Investors: विदेशी निवेशक शेयर मार्केट से लगातार पैसा निकाल रहे हैं. एफपीआई की निकासी का सिलसिला इस हफ्ते भी जारी रहा इसी वजह से घरेलू मार्केट में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है.
Foreign Portfolio Investors: विदेशी निवेशक शेयर मार्केट से लगातार पैसा निकाल रहे हैं. एफपीआई की निकासी का सिलसिला इस हफ्ते भी जारी रहा इसी वजह से घरेलू मार्केट में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. एफपीआई ने इस महीने अबतक भारतीय बाजारों से 35,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाली है.
FPI क्यों लगातार कर रहे बिकवाली?
अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में इजाफा किया है, जिसके बाद से घरेलू मार्केट में गिरावट हावी है. बता दें ब्याज दरों में बढ़ोतरी और डॉलर की मजबूती की वजह से एफपीआई भारतीय बाजार में बिकवाल बने हुए हैं.
2022 में अबतक निकाले 1.65 लाख करोड़
आपको बता दें एफपीआई 2022 में अबतक भारतीय बाजारों से 1.65 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं. कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि कच्चे तेल के ऊंचे दाम, मुद्रास्फीति, सख्त मौद्रिक रुख और अन्य कारकों से आगे भी एफपीआई का रुख उतार-चढ़ाव वाला बना रहेगा.
आगे भी जारी रहेगी बिकवाली
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘प्रमुख बाजार अमेरिका में कमजोरी है और डॉलर मजबूत हो रहा है, ऐसे में एफपीआई की बिकवाली अभी जारी रहेगी.’’
11 से 13 अप्रैल के बीच की बिकवाली
विदेशी निवेशक अप्रैल, 2022 तक लगातार सात महीने भारतीय बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे हैं. इस दौरान उन्होंने शुद्ध रूप से 1.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है. लगातार छह महीने तक बिकवाली के बाद अप्रैल के पहले हफ्ते में एफपीआई ने शेयरों में हालांकि 7,707 करोड़ रुपये का निवेश किया था, लेकिन उसके बाद 11 से 13 अप्रैल तक कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह में वे एक बार फिर बिकवाल बन गए. आगे के सप्ताहों में भी यही रुख जारी है.
फेड रिजर्व ने 2 बार की बढ़ोतरी
डिपॉजिटरी के आंकडों के मुताबिक, एफपीआई ने दो से 20 मई के दौरान भारतीय शेयरों से 35,137 करोड़ रुपये की निकासी की है. मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि विदेशी निवेशक आगे चलकर अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा और अधिक आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका को लेकर चिंतित हैं. इस साल फेडरल रिजर्व ने दो बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है.
6,133 करोड़ रुपये निकाले
समीक्षाधीन अवधि में शेयरों के अलावा एफपीआई ने लोन या बांड मार्केट से शुद्ध रूप से 6,133 करोड़ रुपये निकाले हैं. भारत के अलावा अन्य उभरते बाजारों ताइवान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और फिलिपीन से भी एफपीआई ने निकासी की है.
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