FPI Investment in December: बाजार में जारी अनिश्चितता के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign investors) ने भारतीय बाजार से अपना पैसा निकाला है. दिसंबर महीने में अब तक विदेशी निवेशकों ने 17,696 करोड़ रुपये निकाले हैं. ओमीक्रोन वेरिएंट और अमेरिकी फेड रिजर्व उम्मीद से पहले बॉन्ड खरीद बंद करने की वजह से FPI ने बाजार से पैसा निकाला है. 


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डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने 1-17 दिसंबर के बीच इक्विटी से 13,470 करोड़ रुपये, ऋण खंड से 4,066 करोड़ रुपये और हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट्स से 160 करोड़ रुपये निकाले. एफपीआई ने नवंबर में भारतीय बाजारों में 2,521 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री की थी.


जानें क्या बोले एक्सपर्ट?
मार्निंगस्‍टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्‍टर (मैनेजर रिसर्च) हिमांशु श्रीवास्‍तव ने कहा कि वैश्विक और घरेलू दोनों मोर्चों पर अनिश्चितता बनी हुई है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के चलते चिंता बनी हुई है और इसने वैश्विक वृद्धि परिदृश्य को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा आर्थिक वृद्धि भी अपेक्षाकृत धीमी रही है और भारत की आय ज्यादा नहीं बढ़ी है. यदि हालात बिगड़ते हैं तो विदेशी निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों से अपना निवेश निकाल सकते हैं.


बैंकिंग शेयर्स बने आकर्षक
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि चूंकि बैंकिंग में सबसे अधिक एफपीआई होल्डिंग है, इसलिए उसे एफपीआई की बिक्री का खामियाजा उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि लगातार एफपीआई बिकवाली ने उच्च गुणवत्ता वाले बैंकिंग शेयरों को मूल्यांकन के नजरिए से आकर्षक बना दिया है.