भारतीय शेयर बाजार को लगातार एफपीआई की मजबूती मिल रही है. सिस्टम में अच्छी लिक्विडिटी, आकर्षक वैल्यूएशन और डॉलर की कमजोरी की वजह से एफपीआई ने इस साल अब तक बाजार में 1.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है. यह अब तक का सबसे ऊंचा निवेश है. दरअसल पिछले कुछ समय से भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों का विश्वास बढ़ा है और इस वजह से इसे घरेलू निवेशकों का भी समर्थन मिल रहा है.
इकनॉमी को लेकर सेंटिमेंट सुधरा, निवेशकों ने झोंके पैसे
सरकार की ओर से जारी आर्थिक प्रोत्साहन की सेंटिमेंट में सुधार है और आईपीओ बाजार में भी उतरने वाली कंपनियों को भी अच्छा समर्थन मिल रहा है. पिछले कुछ समय में प्राइमरी मार्केट में फंड जुटाने उतारी कंपनियों को अच्छा रेस्पॉन्स मिला ही है सेकेंडरी मार्केट में भी निवेशकों का खासा समर्थन दिख रहा है. इस बीच कोविड19 की वजह से विदेशी निवेशकों ने बॉन्ड से पैसे निकाले हैं. डिपोजटरी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने बॉन्ड से एक लाख करोड़ से अधिक की निकासी की है. हालांकि हाइब्रिड्स इंस्ट्रूमेंट्स में उन्होंने शुद्ध रूप से दस हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है.
एफपीआई के लिए नया साल होगा और आकर्षक
विश्लेषकों का कहना है कि अगर मौजूदा निवेश परिदृश्य में अगर कोई बदलाव नहीं आया तो विदेशी निवशकों का लगातार निवेश जारी रहेगा. कोविड वैक्सीन के मोर्चे में अच्छी कामयाबी और इकनॉमी के सेंटिमेंट में सुधार के अलावा सरकार की कोशिशों की वजह से भारतीय शेयर बाजार के प्रति निवेशकों का रुझान मजबूत हुआ है. इससे आने वाले दिनों में भारत निवेश के लिहाज से आकर्षक बना रहेगा. हो सकता है कि अगले साल एफपीआई का निवेश इससे भी ज्यादा बढ़ जाए.
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