Foreign Portfolio Investors: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक शेयर बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं. FPI भारतीय शेयर बाजारों से ‘अंधाधुंध’ बिकवाली कर रहे हैं. मई के पहले पखवाड़े में FPI ने भारतीय बाजारों से 25,200 करोड़ रुपये की निकासी की है. ग्लोबल लेवल पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी और कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच विदेशी निवेशक लगातार भारतीय शेयरों से अपना निवेश निकाल रहे हैं.


जारी रहेगा उतार-चढ़ाव
कोटक सिक्योरिटीज के प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों, ऊंची मुद्रास्फीति, सख्त मौद्रिक रुख का असर शेयर बाजारों पर पड़ा है. इसके अलावा निवेशक मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर पर रहने के बीच वृद्धि को लेकर भी चिंतित हैं. हमारा मानना है कि निकट भविष्य में भी एफपीआई का रुख उतार-चढ़ाव वाला रहेगा.


पिछले 7 महीनों से निकाल रहे पैसा
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अप्रैल 2022 तक लगातार घरेलू मार्केट से पैसा निकाला है. पिछले 7 महीनों में स्टॉक मार्केट से 1.65 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं. ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय सिंघानिया का मानना है कि आने वाले हफ्तों में भी एफपीआई की निकासी जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि इस समय भारतीय शेयरों में एफपीआई की हिस्सेदारी घटकर 19.5 फीसदी पर आ गई है, जो मार्च, 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है.


अप्रैल के पहले हफ्ते में किया था निवेश
लगातार 6 महीने तक बिकवाली के बाद अप्रैल के पहले हफ्ते में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 7,707 करोड़ रुपये डाले थे. हालांकि, उसके बाद 11 से 13 अप्रैल के दौरान कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह में उनकी निकासी फिर शुरू हो गई. उसके बाद से वे लगातार बिकवाल बने हुए हैं.


रेपो रेट्स में हुआ इजाफा
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, दो से 13 मई के दौरान एफपीआई ने शेयरों से करीब 25,216 करोड़ रुपये की निकासी की है. चार मई को रिजर्व बैंक ने बिना तय कार्यक्रम के रेपो दर को 0.4 फीसदी बढ़ाकर 4.4 फीसदी कर दिया था. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में 0.50 फीसदी की वृद्धि की थी. अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने भी ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की वृद्धि की है.


आगे ब्याज दरों में और हो सकता है इजाफा
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि निवेशकों को अब यह आशंका है कि आगे चलकर ब्याज दरों में और इजाफा देखने को मिल सकता है. इसकी वजह से विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से निकासी कर रहे हैं. शेयरों के अलावा इस अवधि में एफपीआई ने लोन या बांड बाजार से भी 4,342 करोड़ रुपये निकाले हैं.


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