Foreign Portfolio Investment: 2022 में विदेशी निवेशकों ने की भारतीय बाजारों में रिकॉर्ड बिकवाली, 1.21 लाख करोड़ रुपये के निवेश वापस खींचे
Foreign Portfolio Investors: 2022 में विदेशी निवेशकों ने रिकॉर्ड बिकवाली भारतीय शेयर बाजार में की. इन निवेशकों ने 2008 के बिकवाली के रिकॉर्ड को तोड़ दिया.
Indian Stock Market Update: कोरोना महामारी के आने के बाद से ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में जमकर निवेश किया था. लेकिन 2022 में इन निवेशकों ने भारतीय बाजारों से रिकॉर्ड मात्रा में अपने निवेश को वापस निकाला है. विदेशी निवेशकों ने 2022 में भारतीय बाजारों से कुल 1.21 लाख करोड़ रुपये का निवेश निकाल लिया जो कि रिकॉर्ड है.
इससे पहले 2008 में आए फाइनैंशियल क्राइसिस के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बिकवाली की थी तब उन्होंने 53,000 करोड़ रुपये के करीब निवेश वापस खींछ लिए थे. लेकिन 2022 में दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों के ब्याज दरें बढ़ाने के बाद एफपीआई ने जमकर दुनियाभर के शेयर बाजारों में बिकवाली की जिसका खामियाजा भारतीय बाजारों को भी उठाना पड़ा है. रूस यूक्रेन युद्ध, सख्त मॉनिटरी पॉलिसी, कच्चे तेल के दामों में उबाल और कमोडिटी दामों में उछाल विदेशी निवेशकों के निवेश की निकासी की बड़ी वजह रही हैं.
हालांकि 2023 में आर्थिक हालात 2022 के मुकाबले बेहतर रहने का आसार हैं इसलिए जानकारों का मानना है कि इतने बड़े लेवल पर एफपीआई की बिकवाली अब नहीं देखने को मिलेगी. 29 दिसंबर, 2022 तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1.21 लाख करोड़ रुपये भारतीय शेयर बाजारों से वापस खींछ लिए. वहीं डेट बाजारों में उन्होंने 16,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की है.
इससे पहले 2021 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 25,752 करोड़ रुपये, 2020 में 1.7 लाख करोड़ रुपये और 2019 में 1.01 लाख रुपये भारतीय बाजारों में निवेश किए थे. इससे पहले बड़ी निकासी के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2018 में 33,000 करोड़ रुपये, 2011 में 27000 करोड़ रुपये, 2008 में 53,000 करोड़ रुपये और 1998 में 740 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी.
हालांकि विदेशी पोर्टपोलियो के 1.21 लाख करोड़ रुपये भारतीय बाजारों में बिकवाली करने के बाद भी यहां के बाजार के सेहत पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ा. रिटेल निवेशकों ने एफपीआई की कमी पूरी कर दी.
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