FPI: एफपीआई ने जनवरी में अबतक भारतीय शेयर बाजार से 22,194 करोड़ रुपये निकाले
FPI: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने (10 जनवरी तक) अब तक भारतीय शेयर बाजार से 22,194 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं.
FPI: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 22,194 करोड़ रुपये निकाले हैं. कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर रहने की संभावना, डॉलर में मजबूती और डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में टैरिफ वॉर तेज होने की आशंका के बीच एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं. ग्लोबल और घरेलू मोर्चे पर अड़चनों के बीच विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों में अपना निवेश घटा दिया है. इससे पहले दिसंबर के महीने में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने (10 जनवरी तक) अबतक शेयरों से 22,194 करोड़ रुपये निकाले हैं. इसमें दो जनवरी को छोड़कर सभी कारोबारी सेशन में एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे हैं.
बाजार के जानकारों का क्या है कहना
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर और रिसर्च मैनेजर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि "भारतीय बाजारों से विदेशी कोषों की निकासी के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं. इनमें कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर रहने की आशंका, ट्रंप प्रशासन में टैरिफ वॉर की संभावना, जीडीपी की विकास दर में सुस्ती, ऊंची महंगाई और भारत में ब्याज दरों में कटौती का दौर शुरू होने को लेकर असमंजस शामिल है. इसके अलावा भारतीय रुपये का रिकॉर्ड निचला स्तर, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल और भारतीय शेयर बाजार के ऊंचे वैल्यूएशन की वजह से भी एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं.
डॉलर इंडेक्स में लगातार बढ़ोतरी है सबसे बड़ा कारण
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि "एफपीआई की लगातार बिकवाली का एकमात्र बड़ा कारण डॉलर इंडेक्स में लगातार बढ़ोतरी है, जो अब 109 से ऊपर है. 10 साल के बॉन्ड पर रिटर्न 4.6 परसेंट से ऊपर है, जिसकी वजह से निवेशक उभरते बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं."
बीते साल यानी 2024 में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में सिर्फ 427 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. वहीं 2023 में उन्होंने भारतीय शेयर बाजार में बड़ी राशि यानी 1.71 लाख करोड़ रुपये डाले थे.
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