FPI: जनवरी के 3 दिनों में ही एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार से निकाल लिए 4285 करोड़ रुपये
FPI: अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संभावित नीतियों और ग्लोबल बाजारों पर उनके प्रभाव की वजह से भी निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं और भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं.
FPI: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने कंपनियों के तीसरी तिमहीनेी के नतीजों से पहले आशंकाओं और घरेलू शेयरों के ऊंचे वैल्यूएशन के कारण इस महीने के पहले तीन कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजारों से 4,285 करोड़ रुपये निकाले हैं. डिपॉजिटरी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. इससे पहले पूरे दिसंबर महीने में एफपीआई ने शेयरों में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया था. ग्लोबल और घरेलू चुनौतियों के बीच एफपीआई के सेंटीमेंट में बदलाव आया है.
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट ने एफपीआई के सेंटीमेंट को और कमजोर कर दिया है, क्योंकि करेंसी रिस्क ने भारतीय निवेश को कम आकर्षक बना दिया है. इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से इस साल ब्याज दरों में कम कटौती के संकेत भी निवेशकों का भरोसा बढ़ाने में विफल रहे हैं. घरेलू मोर्चे पर बात की जाए, तो एफपीआई मुख्य रूप से ऊंचे वैल्यूएशन की वजह से बिकवाली कर रहे हैं.
आंकड़ों के मुताबिक एक से तीन जनवरी के दौरान एफपीआई ने 4285 करोड़ रुपये के शेयर बेचे है. विदेशी निवेशकों के बीच अनिश्चितता का पता मौजूदा निकासी के रुख से चलता है.
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट मैनेजिंग डायरेक्टर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि विदेशी निवेशकों ने कंपनियों के तीसरी तिमहीनेी के नतीजों से पहले सतर्क रुख अपनाया है. इसके अलावा अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संभावित नीतियों और ग्लोबल बाजारों पर उनके प्रभाव की वजह से भी निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि जब तक डॉलर मजबूत रहेगा और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड आकर्षक रहेगा, तबतक एफपीआई की बिकवाली जारी रहने की संभावना है. डॉलर इंडेक्स इस समय 109 के आसपास है और 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल 4.5 परसेंट से अधिक है. इस वजह से एफपीआई निकासी कर रहे हैं.
कुल मिलाकर यह रुझान विदेशी निवेशकों द्वारा सतर्क रुख को दर्शाता है, जिन्होंने 2024 में भारतीय शेयरों में सिर्फ 427 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. 2023 में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में 1.71 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था. वहीं 2022 में एफपीआई ने 1.21 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की थी.
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