जब भी किसी व्यक्ति का ट्रांसफर किसी दूसरे शहर में हो जाता है तो ऐसी स्थिति में आप पैकर्स एंड मूवर्स की मदद से आप अपने सामान को आसानी से शिफ्ट करा सकते हैं. इसके अलावा एक शहर के अंदर सामान शिफ्ट करने के लिए या ऑफिस शिफ्ट करने के लिए भी आप पैकर्स और मूवर्स की सहायता ले सकते हैं. पिछले कुछ साले में लोगों ने पैकर्स और मूवर्स की सेवा इस्तेमाल बहुत ज्यादा शुरू कर दिया है. लेकिन, आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए है जिसमें लोग नकली पैकर्स एंड मूवर्स के कारण ठगी के शिकार हो गए हैं. नकली पैकर्स और मूवर्स के कारण लोगों को लाखों रुपये का चूना लग गया है.
लोगों के सामान बेच देते है फ्रॉड करने वाले लोग
इसलिए किसी तरह की पैकर्स एंड मूवर्स की सेवा लेने से पहले आप उनके असली होने का प्रमाण जरूर लें. मार्केट में इस तरह की कई नकली कंपनियां आ गई है जिसमें न उनकी खुद की गाड़ी होती है न ही खुद के मजदूर. वह दिहाड़ी के मजदूर के जरिए सामान पैक करवा कर दूसरी जगह भेजते हैं.
ऐसे में कई बार यह लोग सामान लेकर गायब हो जाते हैं. कंपनी का सही पता और मोबाइल नंबर न होने के कारण इनको ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है. इसके बाद सामान गायब हो जाता है और दोबारा कभी नहीं मिलता है. यह फ्रॉड पैकर्स और मूवर्स कई बड़ी कंपनियों का नाम रख लेते हैं जिस कारण असली और नकली के बीच का भेद करना बहुत मुश्किल हो जाता है.
पैकर्स एंड मूवर्स ने लोगों किया सचेत
आपको बता दें कि मूवर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया संगठन ने लोगों को इस बारे में आगाह करते हुए कहा है कि आप किसी तरह के ऑनलाइन और डिजिटल के फर्जीवाड़े में न फंसे. संगठन ने लोगों को आगाह करते हुए कहा है कि कई लोगों की यह शिकायत मिली है कि कई फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियां लोगों का सामान शिफ्ट करने की बात करके चूना लगा रही है.
न्यूज 18 में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मूवर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सचिव अनूप मिश्रा ने कहा है कि इस बिजनेस को करने के लिए किसी तरह के लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी. ऐसे में जालसाज लोग इस कमी का लाभ उठाकर लोगों को चूना लगा रहे हैं. ऐसे में किसी भी कंपनी की सेवा करने से पहले फेडरेशन की वेबसाइट पर कंपनी का नाम चेक कर लें. फेडरेशन ती साइट पर कंपनी का नाम पूरी जांच पड़ताल के बाद जोड़ा जाता है.
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