नई दिल्ली: पिछले कुछ महीनों से ऑनलाइन फ्रॉड के मामले लगातार सामने रहे हैं. इनमें भी खासकर पेटीएम के ग्राहकों के साथ ऑनलाइन फ्रॉड के ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में एबीपी न्यूज़ ने पेटीएम से संपर्क किया और यह जानने की कोशिश की कि पूरे मामले के पीछे हकीकत क्या है? क्या वाकई में बीते कुछ महीनों के दौरान पेटीएम के ग्राहकों के साथ ऑनलाइन फ्रॉड के मामले बढ़ गए हैं?


पेटीएम पेमेंट्स बैंक के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट सुमित सोमानी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि बीते 2 महीनों के दौरान पेटीएम ग्राहकों के साथ ऑनलाइन फ्रॉड के मामले बढ़े हैं. उन्होंने बताया कि बीते 2 महीनों के दौरान ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत करने वाले ग्राहकों की संख्या में इजाफा हुआ है. पेटीएम को रोजाना लगभग 30 से 40 ग्राहकों से ऑनलाइन धोखाधड़ी किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं और ज्यादातर ये शिकायतें बड़े शहरों जैसे दिल्ली एनसीआर और मुंबई आदि से आ रही हैं.


कैसे हो रहा है फ्रॉड


पिछले कुछ महीनों के दौरान एक नए तरह का ऑनलाइन फ्रॉड बाजार में देखने को मिला है. यह पूरा गोरखधंधा पेटीएम आदि के नाम पर हो रहा है. कभी पेटीएम में केवाईसी अपडेट करने को लेकर मैसेज ग्राहकों के पास आता है तो कभी कोई थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड करने के नाम पर. इस पूरी प्रक्रिया का अंत यह होता है कि ग्राहकों के बैंक खाते से या पेटीएम वॉलेट से अचानक पैसे गायब होने लगते हैं. जब तक ग्राहकों को इस ऑनलाइन फ्रॉड का आभास होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. यूं तो ऑनलाइन फ्रॉड अलग अलग तरीके से यह जालसाज लगातार करते ही रहते हैं लेकिन बीते कुछ महीनों से पेटीएम के नाम पर ऑनलाइन फ्रॉड की संख्या कुछ ज्यादा ही नजर आ रही है.


सुमित सोमानी ने बताया कि पेटीएम ने जब इन मामलों की तहकीकात की तो पाया कि अधिकांश फ्रॉड झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ चुनिंदा जिलों से हो रहे हैं. झारखंड के जमताड़ा और गिरडीह जिले, बिहार के धनबाद और गया के पास के इलाकों से फ्रॉड करने वाले लोगों के मामले सामने आए हैं. वहीं पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना और साउथ 24 परगना कि कुछ इलाकों से भी ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों के मामले देखने को मिले हैं.


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सोमानी ने बताया कि जब इन फ्रॉड के मामलों को पेटीएम की साइबर सेल ने विश्लेषण किया तो पाया कि अधिकांश पेटीएम ग्राहकों के साथ 10 हजार से लेकर 15 हजार रुपए तक का औसतन फ्रॉड हुआ है. उन्होंने बताया कि पेटीएम के प्लेटफार्म पर रोजाना पांच से छह करोड़ ट्रांजैक्शन होते हैं. ऐसे में 30 से 40 फ्रॉड के केस अगर रोजाना सामने आते हैं तो यह बहुत बड़ा प्रतिशत नहीं है, लेकिन पेटीएम अपने ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए हर केस की बारीकी से पड़ताल करता है और समय-समय पर विभिन्न सिक्योरिटी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करता है.


पेटीएम की अपील


पेटीएम पेमेंट्स बैंक के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट सुमित सोमानी ने कहा कि पेटीएम अलग-अलग माध्यमों से ग्राहकों को इन ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए जागरूक करता रहता है. साथ ही पेटीएम ग्राहकों के साथ यह फ्रॉड रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन के जरिए किया जा रहा है. हम ग्राहकों को विभिन्न माध्यमों से इसके बारे में जागरूक कर रहे हैं.
क्विक सपोर्ट या एनीडेस्क नाम की रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन को ग्राहक कतई भी डाउनलोड ना करें. यह एप्लीकेशन आपके स्मार्टफोन का पूरा कंटेंट, फोटो आदि हैक कर सकते हैं.


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