Fraud Loan App: अलग-अलग स्कीम से लोगों को फंसाने, परेशान करने और लूटने वाले फ्रॉड लोन एप अब खुद मुसीबत में फंस गए हैं. जैसे को तैसा की कहावत को चरितार्थ करते हुए भारतीयों ने ऐसे एप का शिकार करना शुरू कर दिया है. इन एप के साथ धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं. हाल के दिनों में ऐसे एप की बाढ़ आ गई थी. ये हजारों लोगों को अपने जाल में फंसाने में सफल भी हुए थे. अब लोगों ने इन एप को ही लूटना शुरू कर दिया है. यानी कि कभी पीड़ित करने वाला अब खुद पीड़ित बना फिर रहा है. आइए जानते हैं कैसे. 


कैसे काम करते हैं ये एप 


ये एप सोशल मीडिया के जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं. ये जरूरतमंद लोगों को छोटी रकम ज्यादा ब्याज दर पर उधार देते हैं. इसके बाद कई लोग इनके मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना के शिकार बने हैं. चूंकि, इन एप के पास आपका डाटा होता है. इसलिए ये रिकवरी के लिए गाली-गलौच और आपके परिजनों को धमकाने तक का काम करते हैं. 


AI की मदद से मूर्ख बना रहे लोग 


इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल वर्ल्ड में आई नई तकनीकों ने ऐसे एप को धोखा देना आसान बना दिया है. अब इन एप से उधार लेने वाले लोग आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से इन्फॉर्मेशन पैक्स बना रहे हैं. इनमें सरकार द्वारा जारी आधार और पैन कार्ड, एक टेक्स्ट मैसेज फोल्डर, कॉन्टेक्ट लिस्ट और तस्वीरों से भरी गैलरी आपको मिल जाती है. इस फर्जी पहचान की मदद से लोग इन लोन एप पर अपनी प्रोफाइल बना ले रहे हैं. 


टेलीग्राम पर सिर्फ 300 रुपये में मिल रहा इन्फॉर्मेशन पैक 


रोचक बात यह है कि इस सूचना को खरीदने के लिए आपको सिर्फ 300 रुपये खर्च करने होंगे. टेलीग्राम एप पर आपको आसानी से यह इन्फॉर्मेशन पैक मिल जाएगा. सोशल मीडिया के जरिए ये फर्जी एप फल फूल रहे थे. लोगों ने इन एप को सोशल मीडिया से ही मात दे दी है. इसके अलावा आपको एक खाली फोन की जरुरत पड़ेगी. जहां ये सभी नकली दस्तावेज अपलोड करके आप फेक डिजिटल ट्रेल बना सकते हैं. 


फर्जी एप के पास आईडी की पुष्टि के लिए कोई वैध तरीका नहीं


ऐसे इनफार्मेशन पैक बनाने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि कोई भी जिसे थोड़ा सा फोटोशॉप और कंप्यूटर की जानकारी हो, वो ऐसा कर सकता है. इस नकली डिजिटल हिस्ट्री में फंसकर ये फेक एप आसानी से 5000 से 20 हजार रुपये तक का लोन दे देते हैं. भुगतान के लिए आपको 5 दिन का वक्त मिलता है. चूंकि, इन फर्जी एप के पास आईडी की पुष्टि के लिए कोई वैध तरीका नहीं होता. इसलिए ये नकली आईडी के जाल में फंस जाते हैं और रिकवरी का कोई रास्ता नहीं बचता. 


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