Free Internet: बजट से पहले जानिए ये बड़ी अपडेट, क्या फ्री में मिलेगा इंटरनेट
Free Internet: राज्यसभा के बुलेटिन के मुताबिक दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सूचित किया है कि प्रेसीडेंट ने बिल पर विचार करने की सिफारिश की है.
Free Internet To All: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को तब बजट पेश करने जा रही है जब एक महीने पहले जून 2024 के आखिरी हफ्ते में देश की तीनों टेलीकॉम कंपनियां रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने 25 फीसदी तक मोबाइल टैरिफ महंगा कर दिया. मोबाइल पर नेट सर्फिंग भी महंगा हो गया क्योंकि टेलीकॉम कंपनियों ने डेटा के दाम भी दाम बढ़ा दिए. लेकिन हो सकता है बजट में आपको महंगे डेटा से राहत मिले.
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है. और हर नागरिक को मुफ्त इंटरनेट का अधिकार देने वाले प्राइवेट मेंबर बिल पर चर्चा करने पर सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है. देश के पिछड़े गरीब और बेहद रिमोट इलाकों में रहने वाले लोगों को मुफ्त इंटरनेट उपलब्ध कराने को लेकर इस प्राइवेट मेंबर बिल पर राज्यसभा में चर्चा की जाएगी. बिल के प्रस्तावना के मुताबिक कोई भी देश का नागरिक इंटरनेट कनेक्टिविटी से वंचित नहीं रहना चाहिए. प्रस्ताव के मुताबिक कोई भी नागरिक किसी भी प्रकार का शुल्क या चार्ज का भुगतान करने का उत्तरदायी नहीं होगा जो उसे इंटरनेट सुविधाओं तक पहुंचने से रोकता हो.
राज्यसभा में सीपीएम सांसद वी शिवदासन ने दिसंबर 2023 में बिल को पेश किया था. राज्यसभा के बुलेटिन के मुताबिक दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सूचित किया है कि प्रेसीडेंट ने बिल पर विचार करने की सिफारिश की है. प्राइवेट मेंबर्स बिल जिसे लागू करने पर जो खर्च आता है उसे पूरा करने के लिए मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी है जिसमें ये तय किया जाता है कि बिल पर चर्चा होगी या नहीं.
बिल के मुताबिक हर नागरिक के पास मुफ्त इंटरनेट एक्सेस का अधिकार होना चाहिए. और सरकार को यूनिवर्सल एक्सेस के तहत सभी नागरिकों को मुफ्त इंटरनेट उपलब्ध कराना चाहिए. जो नागरिक पिछड़े और दूर-दराज क्षेत्रों में रहते हों उन्हें फ्री इंटरनेट उपलब्ध कराया जाए. बिल में कहा गया है कि केंद्र सरकार सीधे तौर पर नागरिकों को इंटरनेट उपलब्ध कराए या फिर किसी भी सर्विस प्रोवाइडर द्वारा दिए जाने सर्विस पर सब्सिडी प्रदान करे जिससे सभी नागरिकों को इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराया जा सके. बिल के प्रस्ताव के मुताबिक इस कानून को लागू करने के लिए केंद्र को राज्य सरकारों को फंड भी उपलब्ध कराना चाहिए.
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