FSSAI: असली फ्रूट जूस के नाम पर कई तरह के प्रोडक्ट बेच रहीं कंपनियों को झटका लगा है. फूड सेफ्टी रेगुलेटर एफएसएसएआई (FSSAI) ने सभी कंपनियों को निर्देश दिया है कि वह डिब्बाबंद प्रोडक्ट पर 100 फीसदी फ्रूट जूस (100% Fruit Juice) का दावा न करें. कंपनियों को अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग और विज्ञापन के दौरान भी ऐसे क्लेम से बचना होगा. FSSAI ने सभी फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBO) से इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने को कहा है.
जूस के डिब्बे पर लगे लेबल और विज्ञापन भी हटाने होंगे
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने सोमवार को अपने आधिकारिक बयान में कहा कि फूड बिजनेस से जुड़ी सभी कंपनियों फलों के जूस के डिब्बे पर लगे लेबल और विज्ञापन में से यह दावा हटाना होगा. FSSAI को जानकारी प्राप्त हुई थी कि कई कंपनियां लगातार ऐसे भ्रामक दावे कर रही हैं. इससे कस्टमर्स के स्वास्थ्य को हानि पहुंचती है. सभी एफबीओ को निर्देश दिया गया है कि वह पहले से छाप चुकी पैकेजिंग सामग्री को 1 सितंबर, 2024 से पहले खत्म कर लें.
कोई कंपनी 100 फीसदी फ्रूट जूस का दावा नहीं कर सकती
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (विज्ञापन और दावे) रेगुलेशन- 2018 के अनुसार, कोई भी कंपनी 100 फीसदी फ्रूट जूस का दावा नहीं कर सकती है. इन सभी जूस में सबसे ज्यादा मात्रा में पानी होता है. इसमें थोड़ी मात्रा में फ्रूट जूस या पल्प मिला देने से यह 100 फीसदी जूस नहीं हो जाता है. FSSAI के अनुसार, ऐसे गुमराह करने वाले दावों पर पूरी तरह से रोक लगनी चाहिए.
ज्यादा शुगर होने पर अपने प्रोडक्ट को स्वीट जूस बताना होगा
सभी एफबीओ से कहा गया है कि वह फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स रेगुलेशन के नियमों के दायरे में काम करें. यदि उनके जूस में 15 ग्राम प्रति किलो से ज्यादा शुगर है तो उन्हें अपने प्रोडक्ट को स्वीट जूस के हिसाब से लेबल करना होगा. FSSAI ने कहा कि वह लगातार फूड सेफ्टी के नियमों को मजबूती से लागू करने का प्रयास करती है. हम किसी भी कंपनी को भ्रामक दावे करके कस्टमर्स को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे. सभी कंपनियों को फलों के जूस के संबंध में बनाए गए नियमों का पालन करना होगा.
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