खाद्य पदार्थ सुरक्षा नियामक ने त्योहारी सीजन की शुरुआत से पहले खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तैयारियां तेज कर दी है. इसके लिए नियामक ने बड़ी संख्या में मोबाइल टेस्टिंग लैब की शुरुआत की है. नियामक का लक्ष्य है कि देश के हर जिले में इस तरह का एक लैब मौजूद हो.


हर जिले में होगा एक मोबाइल टेस्टिंग लैब


फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) का कहना है कि मोबाइल टेस्टिंग लैब उपलब्ध रहने से कम समय में खाने-पीने की चीजों के नमूनों की जांच संभव हो पाएगी. बकौल एफएसएसएआई- देश भर में 261 मोबाइल वैन तैनात किए गए हैं. हर जिले में इस तरह का एक वैन उपलब्ध कराया जाएगा. इससे आपके घर के पास ही दूध, तेल, मसाले, फल और सब्जियों की गुणवत्ता परखी जा सकेगी और वह भी बेहद कम समय में.


केंद्रीय मंत्री ने शेयर किया ये अपडेट


केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपडेट किया. उन्होंने बताया कि नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में एफएसएसएआई के  द्वारा स्ट्रीट फूड विक्रेताओं के लिए आयोजित प्रशिक्षण व जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ भागीदारी की.


उन्होंने कहा- स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को खाद्य स्वच्छता एवं सुरक्षा प्रक्रियाओं से अवगत कराया गया. इस मौके पर फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स यानी मोबाइल टेस्टिंग लेबोरेट्री का भी अवलोकन किया गया. इसके अलावा खाद्य सुरक्षा गाइडलाइन का विमोचन, स्ट्रीट फूड वेंडर पोर्टल की शुरुआत और स्ट्रीट फूड विक्रेताओं के बीच टेस्टिंग किट का वितरण भी किया गया.


 






रजिस्ट्रेशन फीस माफ करने का ऐलान


इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नड्डा ने स्ट्रीट फूड वेंडर्स को अनोखी सौगात भी दी. उन्होंने एफएसएसएआई को निर्देश दिया कि वह स्ट्रीट फूड वेंडर्स के लिए रजिस्ट्रेशन फीस को माफ कर दे. उन्होंने कहा कि स्ट्रीट फूड वेंडर्स को प्रोत्साहित करने के लिए एफएसएसएआई को रजिस्ट्रेशन फीस माफ कर देना चाहिए. इससे ज्यादा से ज्यादा वेंडर रजिस्ट्रेशन कराएंगे. स्ट्रीट फूड वेंडर्स को रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में 100 रुपये का भुगतान करना होता है.


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