Petrol-Diesel Price Cut: पेट्रोलियम मंत्री ने पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती की खबर को बताया अफवाह, बोले - तेल कंपनियों से नहीं हुई कोई बातचीत
Crude Oil Price: कच्चा तेल 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है तो लोकसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं. इसलिए पेट्रोल डीजल के दामों में कटौती की संभावना जताई जा रही है.
Fuel Price Cut: सरकार ने पेट्रोल डीजल के दामों में कटौती से इंकार कर दिया है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ( Hardeep Singh Puri) ने पेट्रोल डीजल के दामों में कमी की खबरों को अफवाह करार दिया है. पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि ईंधन के दामों में कटौती को लेकर सरकारी तेल कंपनियों (Oil Marketing Companies) से सरकार की कोई बातचीत अब तक नहीं हुई है.
कच्चे तेल के दामों में भारी कमी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट देखी जा रही है. ब्रेंट क्रूड ऑयल 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब 75.65 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. तो WTI क्रूड 70 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. कच्चे तेल के दामों में कटौती के चलते तीनों सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल बेचने पर मुनाफा हो रहा है. जिसके बाद बीते हफ्ते ये खबर आई कि पेट्रोल के रिटेल प्राइसेज में 10 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की जा सकती है तो डीजल के दामों को 6 रुपये प्रति लीटर तक घटाया जा सकता है. और नए वर्ष में सरकार में मोदी सरकार ये सौगात दे सकती है. लेकिन पेट्रोलियम मंत्री अब इस खबर से सिरे से इंकार कर रहे हैं.
फ्यूल के दामों में कटौती की खबर है अफवाह!
पेट्रोल - डीजल के दामों में कटौती की संभावना वाली खबर पर पेट्रोलियम मंत्री ने फिलहाल के लिए विराम लगा दिया है. उन्होंने इस खबर को पूरी तरह से अफवाह करार दिया है. हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के साथ दामों में कमी को लेकर सरकार की कोई बातचीत नहीं है. पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि सरकार अलग अलग रूट्स से ऑयल सप्लाई सुनिश्चित करने की कोशिशों में जुटी है. साथ ही लाल सागर से सप्लाई के मुद्दे को गहनता के साथ देख रही है.
लोकसभा चुनाव से पहले मिलेगी सौगात
पेट्रोलियम मंंत्री भले ही फिलहाल के लिए पेट्रोल - डीजल के दामों में कटौती से इंकार कर रहे हों लेकिन ये भी सच है कि अगले तीन महीने में लोकसभा चुनाव शुरू हो जायेंगे. सरकार की कोशिश वो सभी कदम उठाने की है जिससे मोदी सरकार की लगातार तीसरी बार वापसी सुनिश्चित किया जा सके. कच्चे तेल के दामों इन स्तरों पर बने रहे तो ईंधन के दामों में कटौती से इंकार नहीं किया जा सकता है वो भी तब जब सरकारी तेल कंपनियों के वित्तीय नतीजे शानदार रहे हैं.