रिलायंस रिटेल के हाथों बिकने की तैयारी कर रही फ्यूचर रिटेल ने फॉरन करेंसी बॉन्ड पर बकाया 104 करोड़ अदा कर खुद को डिफॉल्ट होने से बचा लिया. फ्यूचर रिटेल के 50 करोड़ डॉलर के बॉन्ड पर यह बकाया देना था. सोमवार को इसकी 30 दिन के डेडलाइन खत्म हो रही थी. लेकिन इससे पहले ही फ्यूचर रिटेल ने इस रकम का इंतजाम कर ब्याज अदा कर दिया. अगर कंपनी यह ब्याज अदा नहीं कर पाती तो रेटिंग एजेंसियां इसे डिफॉल्ट की कैटेगरी में डाल सकती थीं.
बढ़ गया था डिफॉल्टर होने का खतरा
फ्यूचर रिटेल की ओर से ब्याज अदायगी में नाकामी का असर इसके वैल्यूएशन पर पड़ सकता था. इससे रिलायंस के हाथों पर बिकने पर इसे कम कीमत मिलती. फ्यूचर रिटेल ने स्टॉक एक्सचेंज को 22 जुलाई को दी जानकारी में कहा गया है कि 22 जुलाई को खत्म हो रही छमाही के दौरान बने रहे ब्याज इसने अदा कर दिया है. सीनियर सिक्योर्ड बॉन्ड के एवज में लिए गए कर्ज पर 5.06 फीसदी के दर से ब्याज अदा किया गया
फ्यूचर रिटेल का कर्ज बढ़ कर 12,778 करोड़ रुपये पर पहुंचा
फ्यूचर रिटेल ने कहा है कि कंपनी ने यह ब्याज अपने स्रोतों पिछले कुछ सप्ताह से अपने स्टोर्स में जेनरेट हुए कैश के जरिये दिया है. बैंकों ने ब्याज अदा करने के लिए फंड देने से इनकार कर दिया था. पिछले महीने डिफॉल्ट के बाद फ्यूचर रिटेल ने कहा था कि वह एक महीने के भीतर कूपन पेमेंट कर देगा. फ्यूचर रिटेल पर कर्ज का बोझ काफी बढ़ गया है. रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक फ्यूचर ग्रुप के लिस्टेड कंपनियों का कुल कर्ज बढ़ कर 12,778 करोड़ रुपये हो चुका है. फ्यूचर ग्रुप अपनी कंपनियों-फ्यूचर लाइफ स्टाइल, फ्यूचर सप्लाई चेन और फ्यूचर रिटेल को रिलायंस रिटेल के हाथों बेचने की तैयारी कर रहा है.
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