रिलायंस रिटेल को अपना कारोबार बेचने के बाद फ्यूचर ग्रुप के फाउंडर किशोर बियानी ने पहली बार इसके बारे में सार्वजनिक बयान दिया है. बियानी ने कहा कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से उनके रिटेल स्टोर बंद हो गए थे और चार महीने में ही उन्हें 7000 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हो गया था. ऐसे में उनके सामने रिलायंस रिटेल को अपना कारोबार बेचने के अलावा कोई चारा नहीं था.


हम अपना लक्ष्य पाने में रहे नाकाम : बियानी 


इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक बियानी ने कहा, " अपने कारोबार को बिकने से बचाने के लिए हमारे पास कोई रास्ता नहीं बचा था. क्योंकि रेंट और ब्याज तो आपको हर महीने देना ही पड़ता है. इक्विटी के जरिये हमें जो ग्रोथ, निवेश और अधिग्रहण के लक्ष्य हासिल करने चाहिए थे वे पूरे नहीं हुए. सारी बाधाएं कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान इकट्ठा हो गईं."


भारी कर्ज में फंसना मुसीबत साबित हुआ 


बियानी को भारत में संगठित रिटेल का जनक कहा जाता है. उन्होंने बिग बाजार, सेंट्रल और ब्रांड फैक्टरी स्टोर्स के जरिये रिटेल का बड़ा साम्राज्य खड़ा किया था. लेकिन धीरे-धीरे उनके समूह की कंपनियां कर्ज के बोझ में दबती चली गईं. अपने विशाल आकार की वजह से फ्यूचर ग्रुप 12,989 करोड़ रुपये के भारी-भरकम खर्च में फंस गया. इससे ग्रुप के प्रमोटर किशोर बियानी को अपने सारे शेयर गिरवी रखने पड़े. पिछले दिनों रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर लिमिटेड ने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल लॉजिस्टिक्स और स्टोरेज कारोबार को एकमुश्त 24,713 करोड़ रुपए में खरीद लिया.


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