एक पुरानी कहावत है, "इस दुनिया में कुछ भी निश्चित नहीं है सिवाय मौत और करों के." फाइनेंशियल मार्केट्स के संदर्भ में इस कहावत को नए सिरे से परिभाषित किया जा सकता है, और आप आसानी से कह सकते हैं कि शेयर बाज़ारों में अस्थिरता और करों के अलावा कुछ भी निश्चित नहीं है. शेयर बाज़ार में लगभग हर रोज़ उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है और इसकी दिशा क्या होगी, इसकी भविष्यवाणी कर पाना कठिन है.


यहीं पर ओपन इंटरेस्ट (Open Interest) काम आता है. डेरिवेटिव (Futures & Options) कॉन्ट्रैक्ट्स का ओपन इंटरेस्ट (OI) बाजार की भावनाओं का अनुमान लगाने में एक सहायक उपकरण हो सकता है. तो, आइए पहले समझें कि ओपन इंटरेस्ट क्या है.


ओपन इंटरेस्ट, फ्यूचर और ऑप्शन मार्केट्स के उन कॉन्ट्रैक्ट्स की कुल संख्या है जिनका उस समय तक उपयोग नहीं हो पाया है. किसी भी बाज़ार की तरह, डेरिवेटिव बाज़ार (Derivative Market) में भी, लेन-देन के दो पहलू होते हैं - बायर और सेलर.


यदि ये दोनों पक्ष कोई नई पोजिशन या कॉन्ट्रैक्ट खोलते हैं, तो ओपन इंटरेस्ट बढ़ जाता है. यदि वे किसी मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट को बंद कर देते हैं या बाहर निकल जाते हैं, तो ओपन इंटरेस्ट में गिरावट आएगी. यदि कोई ट्रेडर अपनी पोजिशन किसी अन्य ट्रेडर को सौंप देता है, तो ओपन इंटरेस्ट में कोई बदलाव नहीं आता है. सीधे शब्दों में कहें तो ओपन इंटरेस्ट को एक संकेतक के रूप में देखा जा सकता है कि कितना पैसा बाजार में आ रहा है और कितना बाहर जा रहा है. यह भी ध्यान दें कि ओपन इंटरेस्ट नंबर किसी अंडरलाइंग एस्सेट (सूचकांक या स्टॉक) की ऑप्शन चेन (एनएसई इंडिया) पर आसानी से उपलब्ध हैं.


बाजार के रुझान का आकलन करने के लिए ओपन इंटरेस्ट को शेयर की कीमत के साथ मिलाएं. नीचे सूचीबद्ध 4 व्यापक रुझान हैं जिनका उपयोग आप बाजार की भावना की व्याख्या करने के लिए कर सकते हैं.. 


1. लॉन्ग बिल्ड अप (तेजी): स्टॉक प्राइस ⇧ ओपन इंटरेस्ट ⇧
Long Build Up: इसका मतलब है कि ट्रेडर्स अधिक शेयर या कॉन्ट्रैक्ट खरीद रहे हैं. इससे अंडरलाइंग एस्सेट - सूचकांक या स्टॉक - में तेजी जारी रह सकती है. 


2. शॉर्ट बिल्ड अप (मंदी): स्टॉक प्राइस ⇩ ओपन इंटरेस्ट ⇧
Short Build Up: इसका मतलब यह हो सकता है कि अधिक से अधिक ट्रेडर स्टॉक या इंडेक्स को शॉर्ट कर रहे हैं. वे अंडरलाइंग एस्सेट के बारे में मंदी की स्थिति में हैं और कॉन्ट्रैक्ट बेच रहे हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि कीमत में और गिरावट आएगी.    


3. शॉर्ट कवरिंग (तेजी का ध्यान रहे): स्टॉक प्राइस ⇧ ओपन इंटरेस्ट ⇩
Short Covering: इसका मतलब यह है कि मंदी की स्थिति वाले ट्रेडर्स अपनी पोजिशन बंद कर रहे हैं और इससे कीमत बढ़ सकती है. इसलिए, कीमत बढ़ सकती है लेकिन बहुत ज़्यादा नहीं. 


4. लॉन्ग अनविंडिंग (मंदी का ध्यान रहे): स्टॉक प्राइस ⇩ ओपन इंटरेस्ट ⇩
Long Unwinding: इसका मतलब यह हो सकता है कि ट्रेडर्स अपनी लॉन्ग या बुलिश पोजिशन स्क्वायर ऑफ कर रहे हैं या उससे बाहर निकल रहे हैं. मूलतः, जिन ट्रेडर्स का मानना था कि बाज़ार ऊपर जा सकते हैं, वे अपनी पोजिशन कम कर रहे हैं. नतीजतन, कीमत में और गिरावट आ सकती है लेकिन बहुत ज्यादा नहीं.


ओपन इंटरेस्ट की जानकारी को प्राइस के साथ जोड़कर, आप बाजार की भावनाओं का प्रभावी ढंग से विश्लेषण कर सकते हैं और अपनी रणनीति बनाने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं.




(डिस्‍क्‍लेमर: लेखक अपस्‍टॉक्‍स के डायरेक्‍टर हैं, प्रकाशित विचार उनके निजी हैं. निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय अवश्‍य लें)