वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी अनुमान के नीचे जाने का रिस्क नहीं, जानिए सरकार को भरोसा क्यों
Indian Economy: चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कुछ वस्तुओं और सेवाओं में पिछले वर्ष की तरह उतनी तेजी से वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन कुछ अहम आंकड़े सरकारी ग्रोथ के दावों पर भरोसा दिला रहे हैं.
Indian Economy: आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बुधवार को कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि भले ही सितंबर तिमाही में धीमी हुई है, लेकिन कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष में 6.5 से 7.0 फीसदी की वृद्धि दर में ज्यादा गिरावट का जोखिम नहीं है. अजय सेठ ने उद्योग मंडल फिक्की के कार्यक्रम में कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कुछ वस्तुओं और सेवाओं में पिछले वर्ष की तरह उतनी तेजी से वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन ई-वे बिल और ई-चालान के आंकड़े 6.5 से 7.0 फीसदी की वृद्धि दर में किसी महत्वपूर्ण गिरावट की आशंका का संकेत नहीं देते हैं. ध्यान रहे कि आर्थिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6.5 से 7.0 फीसदी रहने का अनुमान है.
महंगाई दरें भारत के लिए चुनौती नहीं- आर्थिक मामलों के सचिव
आर्थिक मामलों के सचिव ने यह भी कहा कि खाने-पीने की कीमतें चिंता का विषय रही हैं लेकिन इसके अलावा महंगाई दरें भारत के लिए कोई चुनौती नहीं है. अजय सेठ ने कैपिटल एक्सपेंडिचर के बारे में कहा कि सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर में चालू वित्त वर्ष के लक्ष्य 11.11 लाख करोड़ रुपये की तुलना में कुछ कमी देखी जा सकती है, लेकिन कैपिटल एक्सपेंडिचर पिछले वित्त वर्ष के 9.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहेगा.
6.5-7 फीसदी ग्रोथ के अनुमान के नीचे जाने का कोई जोखिम नहीं- अजय सेठ
अजय सेठ ने ये भी कहा कि हमने वर्ष की शुरुआत आर्थिक समीक्षा में 6.5-7 फीसदी की वृद्धि के अनुमान के साथ की. मुझे इसके नीचे जाने का कोई महत्वपूर्ण जोखिम नहीं दिख रहा है. दूसरी तिमाही के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि कुछ उत्पादों या कुछ सेवाएं उसी स्तर पर नहीं हो सकती हैं जहां वे लगभग एक साल पहले या दो तिमाहियों में थीं. विशेष रूप से मैं अक्टूबर के महीने में ई-वे बिल या ई-चालान के संदर्भ में देख रहा हूं. वे एक अलग संख्या बताते हैं. इससे यह संकेत नहीं मिलता है कि वर्ष की शुरुआत में अनुमानित 6.5-7 फीसदी ग्रोथ के अनुमान के नीचे जाने का कोई जोखिम है.
वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.7 फीसदी रही है. हालांकि, यह पांच तिमाहियों में सबसे धीमी ग्रोथ है, लेकिन इस विकास दर के साथ भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. देश की आर्थिक विकास दर वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 फीसदी रही थी.
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