G20 Summit 2023: क्रिप्टोकरेंसी पर दुनिया भर में लगने वाला है बैन? जी20 शिखर सम्मेलन में इस बात पर बनी सहमति
G20 Summit Delhi: जी20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन के दौरान क्रिप्टोकरेंसी पर आईएमएफ और एफएसबी के द्वारा तैयार किए गए सिंथेसिस पेपर का स्वागत किया गया. आइए जानते हैं क्या है इस पेपर में...
G20 Summit India: दुनिया की प्रमुख आर्थिक ताकतों के समूह का शिखर सम्मेलन आज शनिवार से शुरू हो गया. जी20 शिखर सम्मेलन 2023 के पहले दिन कई मुद्दों पर चर्चा हुई और आगे की रूपरेखा तय हुई. उन तमाम मुद्दों में एक क्रिप्टोकरेंसी का भी रहा और पहले दिन के रुख से कम से कम यह साफ हो गया है कि क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य कैसा होने वाला है.
जी20 घोषणापत्र में बनी ये बात
पहले दिन जारी जी20 घोषणापत्र G20 New Delhi Leaders’ Declaration में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अहम बातें की गईं. घोषणापत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड के द्वारा तैयार किए गए सिंथेसिस पेपर का स्वागत किया गया. सदस्य देशों ने घोषणापत्र में इस बात पर सहमति जताई कि क्रिप्टोएसेट की दुनिया में तेजी से जो बदलाव हो रहे हैं, उससे जुड़े रिस्क को गहराई से मॉनिटर करने की जरूरत है.
शिखर सम्मेलन से पहले आया पेपर
आईएमएफ-एफएसबी के द्वारा तैयार सिंथेसिस पेपर ऑन क्रिप्टोकरेंसी में आगे की रूपरेखा को लेकर चर्चा की गई है. दोनों अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत से ऐन पहले इसी सप्ताह क्रिप्टोकरेंसी पर ज्वाइंट पेपर जारी किया था. पेपर में साफ-साफ कहा गया है कि क्रिप्टोकरेंसी पर अगर ब्लैंकेट बैन यानी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाता है, तो यह संभवत: काम नहीं करेगा.
ज्वाइंट पेपर में कही गई हैं ये बातें
आईएमएफ और एफएसबी ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के बजाय उसे रेगुलेट करने की वकालत की है. अब जबकि जी20 के घोषणापत्र में उस पेपर का स्वागत किया गया है, यह इस बात का साफ इशारा है कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं आने वाले दिनों में क्रिप्टोकरेंसी को बैन नहीं करने वाली हैं. इसके बजाय तमाम देश क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कड़े व पारदर्शी कानून का सहारा ले सकते हैं.
पहली बार भारत में शिखर सम्मेलन
आपको बता दें कि जी20 का पूरा नाम ग्रुप ऑफ ट्वेंटी है, जो दुनिया की 20 प्रमुख आर्थिक ताकतों का समूह है. इसकी स्थापना दुनिया को प्रभावित करने वाले आर्थिक मुद्दों पर प्रभावी राह तय करने के उद्देश्य से हुई है. भारत पहली बार जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. इस बार के शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ की तरह अफ्रीकी संघ को भी जी20 का सदस्य बनाया गया है.
भारत की तर्ज पर जी20का रुख
क्रिप्टोकरेंसी के मामले में देखें तो जी20 का ताजा रुख उसी तर्ज पर है, जो भारत ने पहले से अपनाया हुआ है. भारत ने क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के बजाय सख्ती से उसे रेगुलेट करने का रास्ता अपनाया है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बैन नहीं किया गया है, लेकिन भारी-भरकम टैक्स लगा दिया गया है.
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