G20 Summit India: पिछले सप्ताह दुनिया के सबसे बड़े इवेंट में से एक जी20 का शिखर सम्मेलन दिल्ली में संपन्न हुआ. कार्यक्रम में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, चीन समेत कई प्रमुख देशों के शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया. स्वाभाविक है कि इस तरह के आयोजन और हाई-प्रोफाइल लोगों के जुटान को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया और भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब तारीफें भी बटोरी, लेकिन दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें जी20 समिट ने करोड़ों का नुकसान करा दिया.
इस संगठन ने किया नुकसान का दावा
व्यापार संगठन न्यू देल्ही ट्रेडर्स एसोसिएशन (New Delhi Traders Association) का दावा है कि जी20 समिट के चलते दिल्ली के दुकानदारों और कारोबारियों को करीब 400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन के आयोजन के चलते दिल्ली के कुछ इलाके में लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लग गई थीं.
जी20 के कारण लगी ये पाबंदियां
नई दिल्ली इलाके में 3-4 दिनों तक तमाम दुकानें, रेस्टोरेंट, मार्केट, मॉल आदि बंद रहे. ट्रैफिक को लेकर भी कई पाबंदियां लगाई गई थीं. सुरक्षा के चलते कई रास्तों को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था और ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया था. इसका परिणाम हुआ कि कंट्रोल्ड जोन से बाहर भी दुकानदारों की बिक्री आधी रह गई, क्योंकि ट्रैफिक के डर से बहुत सारे लोग घरों से बाहर नहीं निकले. इस तरह तीन दिनों की पाबंदियों से 300-400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
इतने लोगों की दिहाड़ी पर असर
फोरम फोर इंटरनेट रिटेलर्स, सेलर्स एंड ट्रेडर्स (Forum for Internet Retailers, Sellers & Traders) का कहना है कि जी20 की पाबंदियों के चलते करीब 9000 गिग वर्कर्स की कमाई प्रभावित हुई. फोरम के अनुसार, कंट्रोल्ड जोन में आने वाले फुलफिलमेंट सेंटर, रेस्टोरेंट, स्टोर आदि के लिए डिलीवरी करने वाले गिग वर्कर्स की 3 दिनों की दिहाड़ी समिट के कारण मारी गई.
अगले साल ब्राजील में होगा समिट
आपको बता दें कि जी20 दुनिया की 20 सबसे बड़ी आर्थिक ताकतों का संगठन है. हर साल इसका शिखर सम्मेलन आयोजित होता है. इस बार जी20 के 18वें शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था और पहली बार मेजबानी भारत को मिली थी. अगले साल जी20 का शिखर सम्मेलन ब्राजील में होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन के दौरान ब्राजील को जी20 की अध्यक्षता सौंप चुके हैं.
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