अभी फेस्टिव सीजन सेल के दौरान ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से लेकर ऑफलाइन दुकानों तक, सबकी बिक्री ने रिकॉर्ड बनाए. रोजमर्रा के सामान हों या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, सबकी बंपर बिक्री हुई. इलेक्ट्रॉनिक गैजेट तो अब हर किसी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं. ऐसे में इनकी बिक्री पूरे साल जारी रहती है. अभी चूंकि क्रिसमय से लेकर नया साल जैसे कई मौके कतार में हैं, इनकी बिक्री में तेजी बरकरार रहने वाली है.


इस कारण प्रोटेक्शन जरूरी


इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की बिक्री के मामले में समय के साथ ट्रेंड बदलते जा रहा है. एक समय था, जब भारत की पहचान बजट मार्केट यानी सस्ते उत्पादों के लिए होती थी, लेकिन तस्वीर तेजी से बदल रही है. हम लगातार देख रहे हैं प्रीमियम प्रोडक्ट की बिक्री नए-नए रिकॉर्ड बना रही है. लोग सिर्फ स्मार्टफोन पर ही लाखों रुपये खर्च कर दे रहे हैं. अब चूंकि इनके दाम ज्यादा हैं, ऐसे में बार-बार इन्हें बदलना संभव नहीं है. इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट हैं तो हमेशा खराब होने का रिस्क भी रहता है. ऐसे में महंगा गैजेट खरीदने के साथ में प्रोटेक्शन लेना भी जरूरी हो जाता है.


कंपनी देती है ये प्रोटेक्शन


गैजेट के साथ कंपनियां आम तौर पर कुछ प्रोटेक्शन देती ही हैं. आम तौर पर यह प्रोटेक्शन वारंटी के रूप में होता है. अगर आप अतिरिक्त सुरक्षा के लिए और प्रोटेक्शन चाहते हैं तो आप एक्स्ट्रा वारंटी या इंश्योरेंस ले सकते हैं. वारंटी का बात करें तो इसका मतलब होता है कि तय समय तक गैजेट में कोई दिक्कत आने पर कंपनी उसे रिपेयर या रिप्लेस करेगी. मान लीजिए कि वारंटी एक साल की है तो आपके पास एक साल का कवर रहता है. कंपनियां एक्सटेंडेड वारंटी खरीदने की भी सुविधा देती हैं, जिसके लिए आपको अलग से कुछ अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है.


इंश्योरेंस का कवरेज ज्यादा


इंश्योरेंस का कवरेज का दायरा ज्यादा विस्तृत होता है. इंश्योरेंस के कवरेज के दायरे में मैकेनकिल या इलेक्ट्रिकल खराबियां आती हैं. इनके अलावा चोरी अथवा किसी अन्य दुर्घटना में हुए नुकसान का कवरेज भी मिल जाता है. उदाहरण के लिए आपने फोन के साथ इंश्योरेंस लिया, जिसमें चोरी अथवा खोने का कवरेज भी है. ऐसी स्थिति में अगर आप अपना फोन खो देते हैं तो इंश्योरेंस से आपका नुकसान बच जाएगा, जबकि इस मामले में वारंटी से कोई फायदा नहीं मिलेगा.


इंश्योरेंस से किफायती है वारंटी


दूसरी ओर इंश्योरेंस की कॉस्ट वारंटी से ज्यादा होती है. इंश्योरेंस के कवरेज का दायरा जितना ज्यादा होगा, आपको उसी तरह से प्रीमियम का भुगतान करना होगा. वहीं वारंटी की कॉस्ट आम तौर पर इंश्योरेंस प्रीमियम से कम रहती है. ऐसे में अगर आपको अपने गैजेट का सही से इस्तेमाल करने का भरोसा है तो आप पैसे बचाने के लिए वारंटी का विकल्प चुन सकते हैं, जिसमें चोरी अथवा दुर्घटना के नुकसान के अलावा खराब होने का कवरेज रहता ही है.


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