Gautam Adani Copper Plant: नए साल में नया बिजनेस, मार्च से शुरू हो जाएगा अडानी का कॉपर प्लांट, इतना होगा प्रोडक्शन
Gautam Adani New Business: नए साल की पहली तिमाही में गौतम अडानी का कॉपर प्लांट प्रोडक्शन शुरू कर देगा, जिससे देश के ओवरऑल मेटल प्रोडक्शन में तेजी आने वाली है...
देश के सबसे अमीर लोगों में एक गौतम अडानी के अडानी समूह के लिए नया साल साबित होने वाला है. साल के शुरुआती महीनों में ही अडानी के नए बिजनेस की शुरुआत होने वाली है. अडानी का यह नया बिजनेस देश के लिए भी काफी अहम साबित होने वाला है.
80 फीसदी बढ़ेगी देश की क्षमता
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, गौतम अडानी का प्रस्तावित कॉपर प्लांट अगले साल मार्च से परिचालन शुरू कर देगा. यह प्लांट आने वाले दिनों में मेटल प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी को बढ़ाने में अहम साबित होने वाला है. शुरुआत में इसकी क्षमता सालाना 5 लाख टन अयस्क हैंडल करने की होगी. बाद में इसका प्रोडक्शन बढ़ाया जाएगा और पूरे टारगेट को हासिल करने के बाद यह देश के टोटल प्रोडक्शन में 80 फीसदी का इजाफा करेगा.
इस प्रतिकूल असर की आशंका
हालांकि ब्लूमबर्ग ने इसके साथ ही एक आशंका भी जाहिर की है. रिपोर्ट में इस बात की आशंका जताई गई है कि अडानी के इस प्लांट की शुरुआत से कॉपर के अयस्क के मामले में ग्लोबल डिमांड-सप्लाई बैलेंस पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है, जो पहले से ही गंभीर स्थिति में है. अभी दुनिया भर में अयस्क की उपलब्धता की कमी का संकट छाया हुआ है, जो इस प्लांट के शुरू होने के बाद और गंभीर हो सकता है.
आयात पर भारत की निर्भरता
रिपोर्ट के अनुसार, पनामा में एक प्रमुख खदान बंद हो गया है. एंग्लो अमेरिकन पीएलसी के द्वारा मैनेज हो रहे परिचालन में बड़ी कटौती आई है. इससे दुनिया भर में अयस्क की उपलब्धता कम हुई है. भारत की बात करें तो अभी अयस्क की ज्यादातर जरूरतों की पूर्ति आयात से होती है. भारत को 90 फीसदी से ज्यादा अयस्क आयात करना पड़ता है और उनमें ज्यादातर हिस्सा दक्षिणी अमेरिका से आता है.
वेदांता के साथ देश का नुकसान
कॉपर के मामले में भारत में एक समय वेदांता सबसे आगे थी. हालांकि वेदांता का परिचालन 2018 में बंद हो गया. उसके बाद देश में कॉपर के प्रोडक्शन में भारी गिरावट आई और भारत को नेट इम्पोर्टर बनना पड़ गया. इंटरनेशनल कॉपर एसोसिएशन इंडिया के अनुसार, भारत में कॉपर की 15 लाख टन की डिमांड के मुकाबले आउटपुट कम होकर मार्च 2023 तक 5.63 लाख टन पर आ गया.
अडानी के प्लांट से होगी भरपाई
अडानी का प्लांट शुरू होने के बाद भारत का कॉपर प्रोडक्शन साल 2025 तक बढ़कर करीब 8 लाख टन पर पहुंच जाने की उम्मीद है. इस तरह भारत कॉपर प्रोडक्शन के मामले में लगभग उसी स्तर पर पहुंच जाएगा, जहां 2018 में वेदांता का कॉपर प्लांट बंद होने से पहले हुआ करता था.
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