Adani Group Pulls Back on Petrochemic Project: गौतम अडनी की कंपनी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के दो महीने पूरे हो चुके है. शाॅर्ट सेलिंग फर्म ने अडानी समूह पर धोखाधड़ी समेत कई आरोप लगाए थे, जिसके बाद इनकी संपत्ति में भारी नुकसान हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है अडानी समूह में जनवरी से लेकर अबतक 125 अरब डाॅलर का नुकसान हुआ है. 


इस रिपोर्ट के आने के बाद गौतम अडानी अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना मुंद्रा पेट्रोकेमिकल्स से लेकर कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को बंद कर चुके हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी समूह पेट्रोकेमिकल्स से पीछे हट रहा है और पश्चिमी भारत के मुंद्रा में 4 बिलियन डाॅलर ग्रीनफील्ड कोल-टू-पॉलीविनाइल क्लोराइड परियोजना के साथ भी आगे बढ़ने की संभावना नहीं है.


अब इन प्रोजेक्ट के साथ आगे बढ़ाना चाहता है अडानी ग्रुप 


रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह एल्यूमीनियम, इस्पात और सड़क परियोजनाओं में आगे बढ़ने की महत्वाकांक्षाओं पर भी कदम पीछे खींच रहा है और अडानी ग्रुप मुख्य परियोजनाओं पर फोकस रहेगा इसमें बिजली उत्पादन, बंदरगाह और ग्रीन एनर्जी पर फोकस करेंगे. 


गौतम अडानी की दौलत और कद दोनों घटा 


ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप का 2022 के बाद ये सबसे बड़ा झटका था. जब गौतम अडानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे और कई सेक्टरों में अपने कारोबार को फैला रहे थे, लेकिन जनवरी में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद इन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है. 


अडानी ग्रुप की मुंद्रा पेट्रोकेमिकल्स परियोजना


अडानी एंटरप्राइजेज ने गुजरात के कच्छ जिले में अडानी पोट्र्स और स्पेशल इकोनाॅमिक जोन पर ग्रीनफील्ड कोल-टू-पीवीसी प्लांट स्थापित करने के लिए एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, मुंद्रा पेट्रोकेम लिमिटेड को शामिल किया था. प्लांट में 2,000 किलो टन प्रति वर्ष की पाॅली-विनाइल-क्लोराइड उत्पादन क्षमता होनी थी, जिसके लिए 3.1 मिलियन टन प्रति वर्ष कोयले की आवश्यकता थी.


परियोजनाओं से क्यों पीछे हट रहा अडानी ग्रुप 


रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से इसका समूह पर व्यापक असर हुआ है. इस कारण इसके निवेशक नुकसान से डरे हुए हैं. इस कारण समूह ने कई परियोजनाओं को होल्ड पर रखा है. इसी में से एक मुंद्रा पेट्रोकेमिकल्स परियोजना से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं. 


बता दें कि पीटीआई ने कुछ दिन पहले इस परियोजना से पीछे हटने की संभावना जताई थी, जिसके बाद अडानी समूह ने कहा था कि अभी इसे रोकने की कोई योजना नहीं है और अडानी समूह ने कहा कि उसे उम्मीद है कि अगले छह महीनों में ग्रीनफ़ील्ड कोल-टू-पॉलीविनाइल क्लोराइड परियोजना के लिए धन की व्यवस्था की जाएगी.


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