Gautam Adani Speech In Vidyamandir Trust Program: गौतम अडानी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स हैं और एशिया के सबसे धनवान शख्स के तौर पर भारत की शान बढ़ा रहे हैं. देश के अरबपति दिग्गज इंडस्ट्रियलिस्ट अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी देश में कई कंपनियों के मालिक हैं और ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक उनकी टोटल नेटवर्थ इस समय 117 अरब डॉलर की है. गौतम अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी विल्मर, अडानी पावर जैसी कंपनियों के मालिक हैं और देश के सबसे बड़े बिजनेस को चला रहे हैं.


विद्यामंदिर ट्रस्ट के कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के रूप में गौतम अडानी


गौतम अडानी ने आज गुजरात के पालनपुर के विद्यामंदिर ट्रस्ट के 75 साल पूरे होने उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए हैं. गौतम अडानी ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि आज मैं अपनी मिट्टी, अपने वतन पर आया हूं, मैं अपनी धरती, मेरे गांव और बनासकांठा की धरती को वंदन करता हूं. शिक्षा हमें सिखाती है कि कड़ी से कड़ी परिस्थितियों में भी कैसे अपने जीवन के लिए रास्ता निकाल सकते है. मेरे बनासकांठा में बिताए गए बचपन के दिन मुझे याद दिलाते हैं कि कैसे मेरे माता-पिता ने मुझे संस्कार दिए और आदर्श जीवन जीना सिखाया. जब मैं पीछे देखता हूं तो मैंने अपने जीवन को माता-पिता के साथ बिताया और मैंने जो भी देखा-सीखा, उनसे जीवन के लिए रास्ते जाने.


साहस, विश्वास और प्रतिबद्धता को अपना आधार माना- गौतम अडानी


साहस, विश्वास और प्रतिबद्धता को अपना आधार मानकर मैंने अडानी ग्रुप की स्थापना से लेकर आज तक काम किया और यही हमारे समूह की बहुत बड़ी खासियत है.  मैं जब केवल 16 साल का था तो मैंने अपनी शिक्षा को छोड़कर मुंबई जाने का फैसला किया. मैंने भी बहुत से युवा लोगों की तरह काफी आजादी और खुद के फैसलों से जीवन जीने के बारे में सोचा. मुंबई आते वक्त में उत्साह और शंका दोनों से भरा हुआ था. मैंने मुंबई में करीब 3 साल तक महिंद्रा ब्रदर्स के साथ काम किया और मुझे आज भी याद है कि जब मैंने अपनी ब्रोकरेज के तौर पर डायमंड कंपनी में काम किया तो मुझे पहली कमाई के तौर पर 10 हजार रुपये मिले. गौतम अडानी ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर मैंने कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की होती तो मुझे और ज्यादा फायदा मिला होता. 


गौतम अडानी ने बताया वो फलसफा जिसने उन्हें बनाया सफल


गौतम अडानी ने कहा कि मेरे सफल आंत्रप्रेन्योर बनने के पीछे की एक वजह ये भी रही कि मैंने किसी भी परिस्थिति को या बात को ओवरवैल्यू नहीं किया या उसको लेकर ओवरथिंक नहीं किया. 1985 में मेरा पहला बड़ा मौका आया जब राजीव गांधी आम चुनाव में जीतकर आए और उन्होंने कारोबार के लिए अलग तरह की सोच को कार्यान्वित किया. 1991 में भारत के लिए बहुत मुश्किल समय आया और देश के सामने कठिन आर्थिक परिस्थिति आ गई कि 10 दिनों के करीब का ही विदेशी मुद्रा भंडार बचा था. उस समय मैंने अपने ट्रेडिंग हाउस को ना केवल ग्लोबल बनाया बल्कि 2 साल में सबसे तेजी से बढ़ने वाला ट्रेडिंग हाउस बनाया. मेरा ट्रेडिंग हाउस पॉलीमर्स, मेटल, ऑटो के क्षेत्र में ट्रेडिंग करने वाला सफल उद्यम बना. साल 1994 में मैंने निश्चय किया कि अब अपना आईपीओ लाने का समय आ गया है और उस समय हमने अडानी एक्सपोर्ट्स के रूप में बाजार में प्रवेश किया जो आज अडानी एंटरप्राइजेज के रूप में आप सबके सामने है.


अपने कारोबार पर विश्वास रहा- गौतम अडानी


गौतम अडानी ने कहा कि मुझे उस समय प्राइमरी मार्केट में बहुत कम जानकारी थी पर मुझे अपने कारोबार पर विश्वास था. मैंने महसूस किया कि किसी कंपनी की रियल वैल्यू उसके ऐसेट्स में है. इंफ्रास्ट्रक्चर देश के विकास में काम आने वाला लंबे समय का कारोबार है और इसके लिए आपको बेहद अलग अप्रोच के साथ काम करना होता है. हमने केवल ट्रे़डिंग के कारोबार से निकलकर रियल बिजनेस में उतरने के फैसले पर जमकर काम किया. 


सीखना लगातार जारी रखें- गौतम अडानी


गौतम अडानी ने कहा कि जिस दिन आप सीखना छोड़ देंगे आपकी ग्रोथ भी रुक जाएगी. जरूरी ये है कि आप गिरकर निराश ना हों और फिर उठना सीखें. जीवन में सतत प्रयास करते रहने चाहिए और नित नई सीख के लिए तैयार रहना चाहिए. हमारी सबसे बड़ी मानवता के प्रति सेवा ये होगी कि हम दूसरों के लिए मन में करुणा भाव रखें. हेल्थकेयर, एजूकेशन और स्किल डेवलेपमेंट के लिए अडानी ग्रुप की भागीदारी हमेशा रहती है और मैं उम्मीद करता हूं कि मेरी जीवन यात्रा आपको प्रेरित करेगी. मेरा विश्वास है कि ये विद्यामंदिर की धरती केवल एक गौतम अडानी नहीं बल्कि सैकड़ों गौतम अडानी बनाएगी. मैं आप सबकी सफलता की कामना करता हूं और आप सबको मेरी शुभकामनाएं. 



विद्यामंदिर ट्रस्ट की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने पर आयोजित किया गया था समारोह


विद्यामंदिर ट्रस्ट ने अपनी स्थापना के 75 साल और श्री जैन शिशुशाला ने 100 साल पूरे कर लिए हैं और इसके उपलक्ष्य में पालनपुर के इस ट्रस्ट ने एक कार्यक्रम आयोजित किया है. इसके तहत 19 से 23 दिसंबर 2022 के दौरान कई समारोह हुए जिसमें छात्रों ने क्विज, एग्जीबिशन, रंगोली निर्माण जैसे कई आयोजनों में हिस्सा लिया.


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