भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी का अडानी समूह जल्दी ही एक बड़ा धमाका करने जा रहा है. बंदरगाह से लेकर हवाई अड्डा और तेल से लेकर बिजली तक का कारोबार करने वाला अडानी समूह आने वाले दिनों में अपना सुपर ऐप लॉन्च करने की तैयारी में है, जिसकी तैयारी जोरों-शोरों से चल रही है.


गौतम अडानी ने बताई ये बात


गौतम अडानी ने फाइनेंशियल टाइम्स के साथ एक हालिया इंटरव्यू में इस बारे में बातें की. उन्होंने कह का कि उनके समूह का सुपर ऐप डिजिटल दुनिया की Ferrari साबित होगा. गौतम अडानी ने साथ ही इस बात की भी उम्मीद जताई कि यह पोर्टल अगले 3 से 6 महीने में शुरू हो जाएगा. अडानी समूह का मोबाइल ऐप समूह के द्वारा संचालित हवाई अड्डों के यात्रियों को समूह की कंपनियों के द्वारा दी जा रही अन्य सेवाओं से कनेक्ट करेगा.


यहां से मिल सकता है ठोस आधार


अडानी समूह अभी देश के 7 हवाई अड्डों का परिचालन कर रहा है. अडानी की कंपनी मुंबई में नया टर्मिनल व रनवे बना रही है. फाइनेंशियल टाइम्स की खबर के अनुसार, भारत का करीब 20 फीसदी हवाई ट्रैफिक अडानी के हवाई अड्डों से गुजरता है. इस तरह देखें तो अडानी के पास अपने सुपर ऐप तक बड़ी संख्या में यूजर लाने का शानदार बेस है.


टैक्स फ्लीट सेवाओं की तैयारी


अडानी समूह आने वाले दिनों में कुछ शहरों में टैक्सी फ्लीट सेवाएं देने की भी तैयारी में है. अडानी समूह की योजना उन शहरों में टैक्सी फ्लीट सेवाएं शुरू करने की है, जहां उसके पास हवाई अड्डे का परिचालन अधिकार है. अडानी को अपने सुपर ऐप के लिए यहां से भी ग्राहक जोड़ने में मदद मिल सकती है. हालांकि ब्लूमबर्ग की एक ताजी रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि अडानी ने शायद सुपर ऐप की रेस में शामिल होने में बहुत देर कर दी है.


बंपर-टू-बंपर ट्रैफिक से सामना


ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी का सुपर ऐप ऐसे समय में आ रहा है, जब टेक कंपनियां संघर्ष कर रही हैं. बाजार में पहले से ही कई सुपर ऐप मौजूद हैं. बकौल ब्लूमबर्ग, अडानी की फरारी को सुपरऐप यानी डिजिटल दुनिया में बंपर-टू-बंपर ट्रैफिक मिलने वाला है.


अडानी समूह का सुपरऐप एंड्रॉयड से लेकर एप्पल के आईओएस तक पर जल्द उपलब्ध होगा.


अभी ऐसा है बाजार का हाल


भारत के डिजिल बाजार की बात करें तो अभी वालमार्ट की फ्लिपकार्ट और अमेजन का ई-कॉमर्स पर दबदबा है. पेटीएम का सुपरऐप भी बाजार में है. भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी भी डिजिटल दुनिया में जमीन बनाने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं टाटा नियू के साथ 150 साल से भी ज्यादा पुराना टाटा समूह अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है. स्थिति गंभीर होने की आशंका इस कारण भी है कि डिजिटल दुनिया और सुपर ऐप बाजार में टाटा जैसे समूह को संघर्ष करना पड़ रहा है, जिसका कारोबार अडानी की तुलना में कहीं ज्यादा विस्तृत है और जिसका इन-हाउस कारोबार नमक से लेकर जहाज तक का है.


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