Gautam Adani: गौतम अडानी 2030 में छोड़ देंगे अपना पद, कुछ ऐसी है उनकी वसीयत, जानिए कौन संभालेगा जिम्मेदारी
Adani Group: गौतम अडानी के बेटे करण अडानी एवं जीत अडानी और भतीजे सागर अडानी और प्रणव अडानी अभी ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों का कामकाज देख रहे हैं.
Adani Group: अडानी ग्रुप (Adani Group) के चेयरमैन और देश के दूसरे सबसे रईस इंसान गौतम अडानी (Gautam Adani) ने अपनी वसीयत तैयार कर ली है. वह 2030 तक अपनी जिम्मेदारियां बेटों और भतीजों को सौंप देंगे. अपने कारोबारी साम्राज्य को अगली पीढ़ी को सौंपने के लिए उन्होंने 2018 से ही तैयारी शुरू कर ली थी. इसके बाद हिंडनबर्ग रिपोर्ट से अडानी ग्रुप को हुए नुकसान के बाद उन्होंने और तेजी से इस पर काम करना शुरू कर दिया था. अडानी ग्रुप को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उनके बेटों करण अडानी (Karan Adani) और जीत अडानी (Jeet Adani) के अलावा भतीजे सागर अडानी (Sagar Adani) और प्रणव अडानी (Pranav Adani) के कंधों पर आएगी.
2018 में ही अपने बेटों और भतीजों से जान ली थी उनकी इच्छा
ब्लूमबर्ग टीवी की एक विशेष रिपोर्ट के अनुसार, गौतम अडानी ने 2018 में अपने बेटों और भतीजों को अहमदाबाद में बुलाया था. उन्होंने सभी से पूछा कि वो भविष्य में मिलकर काम करना चाहेंगे या फिर अलग-अलग. इसका जवाब देने के लिए सभी को 3 महीने का समय दिया गया. गौतम अडानी 70 की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं. अडानी ग्रुप की 10 लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 213 अरब डॉलर हो चुका है. ग्रुप ने हिंडनबर्ग समेत कई सारी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है.
एक परिवार की तरह अडानी ग्रुप को आगे बढ़ाएंगे
गौतम अडानी ने ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा कि उत्तराधिकारी चुनना किसी भी बिजनेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम होता है. मैं चाहता हूं कि अडानी परिवार की अगली पीढ़ी इस फैसले को जिम्मेदारी से पूरा करे. उन्होंने बताया कि करण, जीत, प्रणव और सागर ने उनसे वादा किया है कि वह मिलकर एक परिवार की तरह अडानी ग्रुप को आगे बढ़ाएंगे. सभी की जिम्मेदारियों को तय करने पर काम जारी है. हालांकि, वह कुछ कंपनियों को लेकर अलग होने की बजाय एक साथ काम करना चाहते हैं.
पिता और चाचा की तरह मिलकर काम करेंगे
प्रणव अडानी ने कहा कि भले ही हम अलग-अलग बिजनेस की देखभाल कर रहे हैं लेकिन, अभी भी हम एक टीम की तरह ही एक-दूसरे के साथ खड़े हैं. हम एक साथ लंच करते हैं और रोजाना की चीजों पर चर्चा करते हैं. अडानी इंटरप्राइजेज का कंट्रोल एक फैमिली ट्रस्ट के जरिए अडानी परिवार के पास है. गौतम अडानी के रिटायर होने पर सभी इस ट्रस्ट में बराबर के हिस्सेदार होंगे. करण अडानी ने कहा कि पिछले 15 साल में हमने ग्रुप की कंपनियों के स्ट्रक्चर को आसान बनाने की काफी कोशिश की है. जीत अडानी ने कहा कि हमने अपने पिता और चाचाओं को साथ काम करते देखा है. हम भी इसी मॉडल पर आगे बढ़ेंगे.
गौतम, विनोद और राजेश अडानी ने 1988 में डाली थी ग्रुप की नींव
अडानी ग्रुप की शुरुआत गौतम अडानी, विनोद अडानी और राजेश अडानी ने 1988 में एक कमोडिटी ट्रेडिंग कंपनी के तौर पर की थी. इसके बाद अडानी ग्रुप का कारोबार पोर्ट, एयरपोर्ट, कोल और पावर समेत कई सेक्टर में फैलता चला गया. अब अडानी ग्रुप विदेशों में भी काम कर रहा है. ऐसा माना जाता है कि अडानी ग्रुप के चेयरमैन का पद या तो करण अडानी या प्रणव अडानी को सौंपा जाएगा. हालांकि, फिलहाल दोनों ही इससे इंकार करते हैं. उन्होंने कहा कि परिवार की बेटियां भी आगे जाकर कारोबार में हाथ बटाएंगी.
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