भारत के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में से एक सिंघानिया परिवार इन दिनों विवादों से जूझ रहा है. पहले बाप-बेटे की लड़ाई और अब पति-पत्नी के तलाक विवाद से सिंघानिया परिवार को दो-चार होना पड़ रहा है. इन विवादों के शिकार हो रहे हैं सिंघानिया परिवार की कंपनियों के शेयरहोल्डर. अकेले रेमंड के शेयरधारकों को ताजे विवाद के चलते हजारों करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ गया है.


अब दो सप्ताह से चर्चा में ये विवाद


दरअसल रेमंड ग्रुप के एमडी एवं चेयरमैन गौतम सिंघानिया ने अपनी पत्नी नवाज मोदी सिंघानिया से अलग होने का ऐलान किया है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर तलाक का ऐलान 13 नवंबर को किया. उसी बीच सोशल मीडिया पर नवाज मोदी सिंघानिया का एक वीडियो भी वायरल हुआ. इन सब घटनाक्रमों ने चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया.


नवाज मोदी ने रख दी ये डिमांड


तलाक के ऐलान के करीब एक सप्ताह बाद ऐसी खबरें आईं कि नवाज मोदी सिंघानिया ने गौतम सिंघानिया से उनकी कुल संपत्ति में 75 फीसदी की मांग की है. ईटी ने एक रिपोर्ट में बताया था कि नवाज मोदी सिंघानिया ने गौतम सिंघानिया से फैमिली सेटलमेंट के तहत उनकी कुल नेटवर्थ के 75 फीसदी हिस्से की डिमांड की है. रिपोर्ट के अनुसार, नवाज मोदी ने खुद के लिए और दोनों बेटियों निहारिका व निसा के लिए यह डिमांड की है.


इतना महंगा होने वाला है तलाक


पिता विजयपत सिंघानिया के साथ विवाद के बाद रेमंड ग्रुप अब गौतम सिंघानिया के पास है. उनके पास मुंबई में मुकेश अंबानी के बाद दूसरा सबसे महंगा व आलीशान घर है. उनकी नेटवर्थ 1.4 बिलियन डॉलर (करीब 11 हजार करोड़ रुपये) है. इस हिसाब से नवाज मोदी की डिमांड 8,250 करोड़ रुपये की हो जाती है. हालांकि अभी इस डिमांड पर सेटलमेंट नहीं हुआ है.


इतना गिर गया शेयर का भाव


इन सब खबरों के बीच रेमंड के शेयर लगातार टूटते जा रहे हैं. पिछले 9 सेशन में रेमंड के शेयर के भाव में 13.3 फीसदी की गिरावट आई है. यह गिरावट ऐसे समय आई है, जब बाजार मजबूत हुआ है. पिछले 9 सेशन में निफ्टी करीब डेढ़ फीसदी के फायदे में है. रेमंड के शेयरों में आई इस गिरावट से कंपनी का मार्केट कैप करीब 1,700 करोड़ रुपये कम हो गया है. दूसरे शब्दों में कहें तो तलाक विवाद के चलते रेमंड के शेयरधारकों को 1,700 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.


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