GDP Data: एशियन पेंट्स के सीईओ अमित सिंगल बोले, नहीं पता कैसे आ रहा जीडीपी के ग्रोथ का आंकड़ा?
India GDP Data: अमित सिंगल ने निवेशकों के कहा, स्टील, सीमेंट और दूसरे सेक्टर्स जैसे कोर सेक्टर्स के ग्रोथ को देखें और हम जिस जीडीपी की बात कर रहे हैं उससे कहीं ये मेल नहीं खाती है.
GDP Data: वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ का आंकड़ा इसी 31 मई 2024 को घोषित किया जाएगा. लेकिन सांख्यिकी मंत्रालय ने 2023-24 में 7.6 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान जताया है. वित्त वर्ष के पहले तीनों तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 8 फीसदी से ज्यादा के दर से आर्थिक विकास किया है. जीडीपी के इस आंकड़े को सरकार से लेकर, दुनियाभर की रेटिंग एजेंसियां और आर्थिक मामलों के जानकार भारत की पीठ थपथपा रहे हैं. लेकिन देश की दिग्गज पेंट कंपनी एशियन पेंट्स (Asian Paints) के एमडी और सीईओ अमित सिंगल (Amit Syngle) देश की जीडीपी के आंकड़ें को लेकर हैरानी जता रहे हैं. उन्होंने कहा, स्टील हो या सीमेंट या दूसरा कोई सेक्टर जीडीपी ग्रोथ रेट के साथ इन सेक्टर का ग्रोथ कहीं मेल नहीं खा रहा है.
जीडीपी ग्रोथ के साथ मेल नहीं
एशियन पेंट्स के बिजनेस और फाइनेंशियल परफॉर्मेंस पर चर्चा करने के लिए इंवेस्टर्स कॉंफ्रेंस का आयोजन 9 मई 2024 को किया गया. इस कॉंफ्रेंस में एशियन पेंट्स की टॉप मैनेजमेंट शामिल था जिसमें एमडी और सीईओ अमित सिंगल भी मौजूद थे. कॉंफ्रैंस में Macquarie के अवि मेहता ने अमित सिंगल से सवाल किया, हमने हमेशा से पेंट इंडस्ट्री को जीडीपी के ग्रोथ के साथ जोड़कर देखा है. उन्होंने कहा हम एशियन पेंट्स को इंडस्ट्री के बेंचमार्क के तौर पर देखते हैं. और जब हम चालू वित्त वर्ष (2023-24) में कंपनी को वैल्यू ग्रोथ के टर्म्स में देखते हैं तो ये मेल नहीं खा रहा. उन्होंने अमित सिंगल से इसका कारण पूछने के साथ जानना चाहा कि इसे ठीक कैसे किया जाएगा.
जीडीपी के आंकड़ें पर सवाल
इस सवाल के जवाब में अमित सिंगल ने निवेशकों के कहा, आप सही हैं कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी का संबंध गड़बड़ा चुका है. उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता जीडीपी का ये आंकड़ा कैसे आ रहा है. उन्होंने इंवेस्टमेंट बैंकरों से कहा, आपलोग आंकड़ों के जानकार हैं और आपलोग बेहतर बता सकते हैं. उन्होंने कहा ये भिन्नता अलग अलग सेक्टर्स में देखने को मिल रही है. उन्होंने पूछा हम जिस जीडीपी की बात कर रहे हैं वास्तव में वो मेल खा रहा क्या? अगर आप स्टील, सीमेंट और दूसरे सेक्टर्स जैसे कोर सेक्टर्स के ग्रोथ को देखें और हम जिस जीडीपी की बात कर रहे हैं उससे कहीं ये मेल नहीं खाती है. उन्होंने कहा कि हमें यथार्थवादी रूप से ये पता लगाये जाने की जरूरत है कि अगर हम 7 फीसदी ग्रोथ रेट की बात कर रहे हैं तो क्या किसी सेक्टर्स में भी 5 फीसदी या 4 फीसदी का ग्रोथ हो रहा है या नहीं?
कहीं विकास है तेज तो कहीं धीमी रफ्तार
अमित सिंगल ने कहा कोई भी खास सेक्टर के लिए क्या जीडीपी लागू हो इसपर हमें सोचने विचार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, अलग अलग क्षेत्रों में जीडीपी में बदलाव देखने को मिल रहा है. कुछ खास क्षेत्रों में विकास की गति तेज है लेकिन कुछ क्षेत्र धीमी गति से विकास कर रहे हैं. लेकिन जब हमें पूरा जीडीपी नंबर मिलेगा तब ये पूर्ण कहलाएगा. इसके लिए कुछ किए जाने की जरूरत है.
पहले भी उठते रहे हैं सवाल
ये पहला मौका नहीं है जब जीडीपी के आंकड़ें पर सवाल खड़े किए गए हैं. वित्त वर्ष 2023-24 में देश के कई राज्यों में असमान बारिश देखने को मिली. ग्रामीण इलाकों में अभी भी डिमांड और खपत कम है. एफएमसीजी से लेकर कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और टूव्हीलर कंपनियां खुद इस बात की तस्दीक करती रही हैं. इसके बावजूद 2023-24 के तीन तिमाही में जीडीपी के आंकड़ों पर जानकार हैरानी जताते रहे हैं. खुद एशियन पेंट्स के नतीजों पर गौर करें तो वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 0.6 फीसदी की गिरावट के साथ 8730.8 करोड़ पर आ गया जबकि मुनाफे में महज 1.3 फीसदी का उछाल देखने को मिला है.
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