GDP Data: राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़े अगले हफ्ते जारी करेगा और इस तिमाही के लिए देश के अर्थशास्त्रियों को शानदार आर्थिक विकास दर रहने का अनुमान है. प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने 2022-23 की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर 13 से 15.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. उनका यह भी कहना है कि ग्रोथ रेट इससे ज्यादा भी रह सकता है.
RBI का अनुमान-पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर 16.2 फीसदी रहेगी
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर 16.2 फीसदी रहने की संभावना जताई है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ग्रुप के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्यकांति घोष ने पहली तिमाही में 15.7 फीसदी विकास दर रहने का अनुमान जताया. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम आंकड़ा इससे ऊंचा रहने की संभावना है. एसबीआई रिसर्च के मुताबिक, पहली तिमाही में जीडीपी 15.7 फीसदी रहने की संभावना है. इसके ऊपर भी जाने की संभावना है. अगर ऐसा होता है तो केंद्रीय बैंक का 2022-23 के लिये 7.2 फीसदी आर्थिक विकास दर का अनुमान ऊपर जा सकता है. एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, निगरानी वाले 41 महत्वपूर्ण आंकड़ों में से 89 फीसदी में पहली तिमाही में तेजी रही. जबकि 2021-22 में यह 75 फीसदी था. यह वृद्धि के मजबूत और व्यापक रहने का संकेत देता है.
इक्रा का क्या है अनुमान
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर जून तिमाही में 13 फीसदी से नीचे रहेगी. इक्रा की अदिति नायर ने कहा कि उच्च तुलनात्मक प्रभाव के साथ गर्मी बढ़ने से गेहूं उत्पादन प्रभावित होने, ग्लोबल लेवल पर कमोडिटी के दाम में तेजी के कारण मांग/मार्जिन पर असर आने से पहली तिमाही में GDP नरम होकर 13 फीसदी रहने की संभावना है. वहीं GDA 12.6 फीसदी रहने की संभावना है. रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, क्षेत्र में वृद्धि को सेवा क्षेत्र से गति मिलेगी. सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर 17 से 19 फीसदी रहने की संभावना है. उसके बाद उद्योग (9 से 11 फीसदी) का स्थान होगा.
पिछले दो साल में जून तिमाही में कैसी रही जीडीपी
महामारी की पहली लहर में जून, 2020 में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट आई थी. हालांकि, कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में स्थिति ज्यादा खराब होने के बावजूद जून, 2021 में 20.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.
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