GDP Forecast: केंद्र सरकार की तरफ से जुलाई-सितंबर, 2022 तिमाही के जीडीपी आंकड़े 30 नवंबर को जारी किए जाने हैं और इससे पहले एसबीआई रिसर्च ने अपना जीडीपी अनुमान दिया है जो अच्छी खबर लेकर नहीं आया है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिसर्च टीम ने मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों में कमजोरी और मार्जिन पर बढ़ते दबाव को देखते हुए जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया है. इसका अर्थ है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी के 6 फीसदी के स्तर को भी नहीं छू पाने की संभावना है.


औसत अनुमान से कम है SBI रिसर्च का जीडीपी का अनुमान
एसबीआई रिसर्च की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर 5.8 फीसदी रह सकती है जो औसत अनुमान से 0.30 फीसदी कम है.


क्यों दिख सकती है जीडीपी आंकड़ों में गिरावट
एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्यकांति घोष की अगुवाई वाली टीम के मुताबिक, दूसरी तिमाही में बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर को छोड़कर बाकी कंपनियों के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि एक साल पहले की समान तिमाही में इनके मुनाफे में 35 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरी तिमाही में इन कंपनियों के राजस्व में बढ़ोतरी की दर अच्छी रही है लेकिन उनके मुनाफे में एक साल पहले की तुलना में करीब 23 फीसदी की गिरावट आई है. इसी का सबसे ज्यादा असर जीडीपी की गिरावट के रूप में सामने आ सकता है. 


लिस्टेड कंपनियों के मार्जिन पर दबाव देखा गया
इसके अलावा बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर को छोड़कर अन्य लिस्टेड कंपनियों के मार्जिन पर दबाव भी देखा गया है. उत्पादन लागत बढ़ने से कंपनियों का ऑपरेटिंग मार्जिन दूसरी तिमाही में घटकर 10.9 फीसदी रह गया जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 17.7 फीसदी था. 


रिजर्व बैंक के अनुमान से कम आया है SBI रिसर्च का जीडीपी एस्टीमेट
एसबीआई रिसर्च का मानना है कि ऐसी परिस्थितियों में दूसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर औसत बाजार अनुमान (6.1 फीसदी) से कहीं कम 5.8 फीसदी रह सकती है. इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की पूरी अवधि में वृद्धि दर 6.8 फीसदी रह सकती है जो भारतीय रिजर्व बैंक के पिछले अनुमान से 0.20 फीसदी कम है. एसबीआई रिसर्च का यह अनुमान 41 अग्रणी संकेतकों के समूह पर आधारित समग्र सूचकांक पर आधारित है.


अक्टूबर में सुधरी हैं आर्थिक गतिविधियां- तीसरी तिमाही के आंकड़ों में दिखेगा असर
सौम्यकांति घोष ने कहा कि यह अनुमान दिखाता है कि जून और सितंबर के बीच आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती रही लेकिन अक्टूबर में आर्थिक गतिविधियों के सुधरने से तीसरी तिमाही में आंकड़े बेहतर होने की उम्मीद बंधती है. उन्होंने कहा कि कई इंडीकेटर वैश्विक झटकों, मुद्रास्फीति-जनित दबावों और बाहरी मांग में कमी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के जुझारू चरित्र को दर्शाते हैं.


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