SBI Report: वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 7.5 फीसदी विकास दर का अनुमान, RBI बढ़ा सकता है रेपो रेट
SBI Report: एसबीआई ने अपने रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2022-23 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 11.1 लाख करोड़ रुपये की होगी. यह चालू वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी की वास्तविक जीडीपी वृद्धि होगी.
SBI Report: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट निकाली है जिसमें वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के वृद्धि अनुमान में 0.2 फीसदी की बढ़ोतरी करने के साथ ही इसके 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शोध टीम 'एसबीआई रिसर्च' ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले अनुमान के मुकाबले इस बार 0.20 फीसदी ज्यादा आर्थिक विकास दर का अनुमान लगाया जा रहा है.
वित्त वर्ष 2021-22 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.7 फीसदी रही
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.7 फीसदी रही. इस दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 11.8 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 147 लाख करोड़ रुपये हो गया. हालांकि महामारी आने से पहले के वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में यह सिर्फ 1.5 फीसदी ही अधिक है.
एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्यकांति घोष का कथन
एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्यकांति घोष ने एक नोट में कहा, "उच्च मुद्रास्फीति और उसके बाद दरों में संभावित वृद्धि को देखते हुए हमारा विचार है कि वित्त वर्ष 2022-23 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 11.1 लाख करोड़ रुपये की होगी. यह चालू वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी की वास्तविक जीडीपी वृद्धि को दर्शाता है जो हमारे पिछले अनुमान से 0.20 फीसदी अधिक है.“
मौजूदा मूल्य पर जीडीपी का आकार बढ़ेगा
जहां तक मौजूदा मूल्य पर जीडीपी के आकार का सवाल है तो वह 2021-22 में 38.6 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 237 लाख करोड़ रुपये हो गई जो सालाना आधार पर 19.5 फीसदी वृद्धि दर्शाता है. घोष ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में महंगाई के ऊंचे स्तर पर बने रहने की आशंका के बीच मौजूदा मूल्य पर जीडीपी इस साल 16.1 फीसदी बढ़कर 275 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी.
शेयर बाजार का लाभ बढ़ा
रिपोर्ट के मुताबिक, समाप्त वित्त वर्ष में शेयर बाजार में सूचीबद्ध करीब 2,000 कंपनियों के राजस्व में 29 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई जबकि एक साल पहले की तुलना में उनका लाभ 52 फीसदी तक बढ़ गया.
आरबीआई बढ़ा सकता है रेपो रेट
लिक्विडिटी के मोर्चे पर यह रिपोर्ट कहती है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रेपो दर में धीरे-धीरे क्रमिक वृद्धि कर आर्थिक वृद्धि को समर्थन देगा. जून और अगस्त में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षाओं के दौरान आरबीआई रेपो दर में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है. वहीं कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी जून में होने की उम्मीद है.
CRR भी बढ़ा सकता है RBI
रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि आरबीआई कोविड काल में चार फीसदी पर रही रेपो दर में कुल 1.25-1.50 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकता है. आरबीआई ने मई में रेपो दर में 0.40 फीसदी की वृद्धि की हुई है. एसबीआई रिसर्च के मुताबिक, केंद्रीय बैंक सीआरआर में 0.50 फीसदी तक की बढ़ोतरी फिर कर सकता है. उसने पिछले महीने भी सीआरआर में 0.50 फीसदी वृद्धि की थी.
महंगाई दर 6.5-6.7 फीसदी रहने का अनुमान
रिपोर्ट कहती है कि कच्चे तेल की कीमतों के 120 डॉलर प्रति बैरल से अधिक रहने से चालू वित्त वर्ष में महंगाई दर 6.5-6.7 फीसदी रह सकती है. इस रिपोर्ट में कंपनियों के राजस्व और लाभ में हो रही वृद्धि और बढ़ते बैंक लोन के साथ सिस्टम में मौजूद पर्याप्त कैश को भी ध्यान में रखा गया है.
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