नई दिल्लीः आर्थिक मोर्चे पर सरकार के लिए अच्छी खबर नहीं है. देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्ट्रबर- दिसंबर) में धीमी पड़कर 6.6 फीसदी रही है. यह आंकड़ा पिछली पांच तिमाहियों में सबसे कम है. आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. एक साल पहले (वित्त वर्ष 2017-18) की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी विकास दर 7.7 फीसदी रही थी.


आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, ‘2018-19 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में साल 2011-12 की स्थिर कीमतों के आधार पर देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 35 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2017-18 की इसी तिमाही में यह 32.85 लाख करोड़ रुपये थी. इस तरह तीसरी तिमाही के दौरान आर्थिक वृद्धि घटकर 6.6 फीसदी रही है.’


केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के बयान के मुताबिक स्थिर मूल्य पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 8 फीसदी और दूसरी तिमाही में 7 फीसदी रही. बयान के मुताबिक 2018-19 के दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान है जो कि वित्त वर्ष 2017-18 में 7.2 फीसदी रही.


इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.


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