GDP Growth: हाल ही में जारी हुए जीडीपी के आंकड़ों से चिंता की लहर फैल गई थी. अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक विकास दर 15 महीनों में सबसे कम 6.7 फीसदी रह गई थी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी इसके 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. हालांकि, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शनिवार को कहा है कि यह चिंता की बात नहीं है. आर्थिक वृद्धि दर में यह गिरावट सरकार का खर्च घटने की वजह से हुई है. देश में लोकसभा चुनाव के दौरान लगी आचार संहिता की वजह से खर्च नहीं हो पाया. इसका असर जीडीपी पर दिखाई दे रहा है.
आरबीआई के अनुमान से भी कम रहा पहली तिमाही का आंकड़ा
नेशनल स्टेटिस्टिकल ऑफिस (NSO) द्वारा जारी किए आंकड़ों के बारे में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर हमारे अनुमान से कम रही है. अगर हम खपत, निवेश, मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज और कंस्ट्रक्शन के डेटा पर नजर डालें तो इन सभी में 7 फीसदी से ज्यादा की विकास दर हासिल की है. सिर्फ केंद्र एवं राज्य सरकारों के खर्च घटाने और कृषि के आंकड़े इससे नीचे रहे हैं. ऐसे में यह चिंता का विषय नहीं है. सरकारी खर्च चुनाव की वजह से नीचे गया और मई-जून में खेती न के बराबर हो पाती है.
सरकारी खर्च बढ़ने और कृषि क्षेत्र के रफ्तार पकड़ने से बदलेंगे हालत
शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई कि आने वाली सभी तिमाहियों में इस आंकड़े में सुधार आएगा. केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अब अपना खर्च बढ़ाए जाने के चलते जीडीपी पर इसका असर साफ दिखाई देगा. इसके अलावा कृषि क्षेत्र में भी अच्छे मानसून के चलते गतिविधियां तेज हुई हैं. वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में एग्रीकल्चर सेक्टर में सिर्फ 2 फीसदी की ग्रोथ रेट दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि मानसून के पूरे देश में फैलने की वजह से अब कृषि क्षेत्र भी रफ्तार पकड़ेगा. शक्तिकांत दास ने कहा कि आने वाली तिमाहियों में आर्थिक विकास दर आरबीआई अनुमान 7.2 फीसदी से ज्यादा ही रहने वाली है.
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