India GDP Data: क्यों तीसरी तिमाही में 8.4% जीडीपी के आंकड़े पर उठ रहे सवाल?
Indian Economy: सीएसओ के डेटा के मुताबिक तीसरी तिमाही में जीवीए (6.5 फीसदी रहा है. जबकि जीडीपी 8.4 फीसदी रहा है जो कि तमाम अनुमानों से ज्यादा है.
India GDP Q3 Data: गुरुवार 29 फरवरी 2024 को वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही के जीडीपी का आंकड़ा घोषित किया गया. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के डेटा के मुताबिक तीसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 8.4 फीसदी के दर से आर्थिक विकास किया है. सीएसओ के जीडीपी का आंकड़ा आरबीआई के 6.5 फीसदी के अनुमान से भी ज्यादा है . यहां तक एसबीआई रिसर्च ने भी तीसरी तिमाही में 6.7 से 6.9 फीसदी के बीच जीडीपी रहने का अनुमान जताया था. ऐसे में सांख्यिकी मंत्रालय के तीसरी तिमाही में 8.4 फीसदी के जीडीपी के आधिकारिक आंकड़े को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं क्योंकि तीसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र का विकास दर नेगेटिव में - 0.8 (माइनस 0.8) फीसदी रहा है.
जीवीए - जीडीपी में भारी अंतर
सीएसओ के डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीवीए (Gross Value Added) 6.5 फीसदी रहा है. जबकि जीडीपी (Gross Domestic Product) 8.4 फीसदी रहा है जो कि तमाम अनुमानों से ज्यादा है. ग्रॉस वैल्यू एडेड यानि जीवीए अर्थव्यवस्था में उत्पादित सभी वस्तुओं (Goods) और सर्विसेज (Services) के कुल वैल्यू को मापकर निकाला जाता है. देश की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ को मापने के लिए जीवीए को सबसे बेहतर तरीका माना जाता है जबकि जीडीपी को मापने के लिए उसमें सरकार द्वारा वसूला गया इनडायरेक्ट टैक्स भी शामिल किया जाता है पर सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी को इसमें नहीं जोड़ा जाता है.
ग्रोथ मापने का बेहतर तरीका है जीवीए
रेटिंग एजेंसी इक्रा की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े पर कहा कि तीसरी तिमाही का जीडीपी का आंकड़ा एक अलग ट्रेंड दिखा रहा जबकि जीवीए ग्रोथ 6.5 फीसदी पर घट गई है और जीडीपी 8.4 फीसदी रही है. ये अंतर अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) में तेज उछाल के चलते हुआ है. उन्होंने कहा कि ट्रेंड को समझने के लिए जीवीए ग्रोथ रेट को देखना ज्यादा जरूरी है जिससे देश में आर्थिक गतिविधि की असल तस्वीर निकलकर सामने आएगी. अदिति नायर के मुताबिक निजी खपत एक्सपेंडिचर ग्रोथ तीसरी तिमाही में मामूली बढ़ोतरी के साथ 3.5 फीसदी रही है. मानसून अनुकूल नहीं होने के चलते ग्रामीण इलाकों में डिमांड कम है और शहरी इलाकों में भी मांग में उतार चढ़ाव बना हुआ है.
टैक्स कलेक्शन में उछाल के चलते बड़ा अंतर
केयरएज रेटिंग्स (CareEdge Ratings) की चीफ इकोनॉमिस्ट रजनी सिन्हा ने कहा, तीसरी तिमाही में 8.4 फीसदी जीडीपी का आंकड़ा बाजार के अनुमान से ज्यादा है जबकि जीवीए ग्रोथ तीसरी तिमाही में 6.5 फीसदी है जो कि बाजार के अनुमान के मुताबिक है. उन्होंने कहा कि जीडीपी और जीवीए में इतने बड़े अंतर की वजह टैक्स कलेक्शन में मजबूत उछाल है. तीसरी तिमाही में टैक्स कलेक्शन में 32 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है.
खपत में कमजोरी है चिंता का कारण
रजनी सिन्हा ने कहा, खराब मानसून के चलते कृषि क्षेत्र के नेगेटिव ग्रोथ के चलते जीवीए उम्मीद के मुताबिक ही रही है. लोअर इनपुट कॉस्ट के चलते मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के जीवीए ने बेहतर ग्रोथ दिखाया है. सर्विसेज सेक्टर में ग्रोथ बनी हुई है. सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर पर ज्यादा खर्च से ग्रोथ में रफ्तार बनी हुई है. पर खपत कमजोर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि खपत और निजी निवेश में उछाल के बाद जीडीपी ग्रोथ में तेजी बनी रहेगी.
सरकार थपथपा रही अपनी पीठ
बहरहाल लोकसभा चुनावों के ठीक पहले तीसरी तिमाही में 8.4 फीसदी के जीडीपी के आंकड़े घोषित होने के बाद सत्ताधारी दल जमकर अपनी पीठ थपथपा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि तीसरी तिमाही में 8.4 फीसदी का जीडीपी का आंकड़ा भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और उसकी क्षमता को दर्शाता है. हालांकि अर्थव्यवस्था को समझने वाले जानकार इस आंकड़े को लेकर बेहद सतर्क हैं.
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